म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों के लिए 60 हजार एम्फोटरेसिन-बी खऱीदेगी महाराष्ट्र सरकार

म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों के लिए 60 हजार एम्फोटरेसिन-बी खऱीदेगी महाराष्ट्र सरकार

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मुंबई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा निकाले गए ग्लोबल टेंडर के माध्यम से राज्य को म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों के उपचार के लिए एक जून से एम्फोटरेसिन-बी की 60,000 शीशियां मिलेंगी जो उसे केंद्र द्वारा किये गये आवंटन के अतिरिक्त होंगी। राज्य में म्यूकरमाइकोसिस और कोविड-19 को लेकर समीक्षा बैठक में भाग लेने के बाद टोपे ने पत्रकारों से कहा कि महाराष्ट्र में म्यूकरमाइकोसिस, जिसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है, के 2,245 मरीज हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य ने म्यूकरमाइकोसिस के उपचार के लिए एम्फोटरेसिन बी शीशियां खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला है। राज्य को एक जून से इस दवा की 60000 शीशियां मिलेंगी। यह केंद्र द्वारा इस दवा की वर्तमान आवंटन से हटकर आपूर्ति होगी। ’’ मंत्री ने कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस के 2,245 मरीज हैं और उनमें से 1007 तो पहले से ही महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना (एमजेपीजेएवाई) के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ एमजेपीजेवाई के तहत म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों का उपचार का पूरा खर्च माफ होगा। इसमें दवा की कीमत भी शामिल है। राज्य सरकार म्यूकरमाइकोसिस के उन मरीजों के उपचार के शुल्क की सीमा भी तय करने का प्रयास कर रही है, जो निजी अस्पतालों में भर्ती हैं।’’

टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकर ने ऐसे उपचार के संबंध में सरकारी प्रस्ताव जारी किया है और वित्त विभाग ने उसके लिए 30 करोड़ रूपये आवंटित किये हैं। महाराष्ट्र एवं कुछ अन्य राज्यों में कोविड-19 के मरीजों में गंभीर कवकीय संक्रमण म्यूकरमाइकोसिस के कई मामले सामने आये हैं। टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में फिलहाल कोविड-19 के 3,27,000 लाख मरीज उपचाराधीन हैं और ऐसे मरीजों के स्वस्थ होने की दर सुधरकर 93 फीसद हो गयी है। उनका कहना था कि राज्य में फिलहाल कोविड-19 की संक्रमण दर करीब 12 फीसद है और मृत्यु दर 1.15 फीसद है। उन्होंने कहा कि 18 जिलों में संक्रमण दर राज्य की औसत संक्रमण दर से अधिक है। मंत्री ने कहा, ‘‘ राज्य सरकार ने इन 18 जिलों में घरों में पृथक-वास बंद करने का फैसला किया है। जिलाधिकारियों से और कोविड देखभाल केंद्र (सीसीसी) स्थापित करने एवं उपचाररत मरीजों को उनमें भर्ती करने को कहा गया है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि 15 वें वित्त आयोग की 25 फीसद निधि ऐसे ही सीसीससी तथा गांवों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 मरीजों को अलग से रखने के वास्ते ऐसी ही सुविधाएं तैयार करने पर खर्च करने का निर्णय लिया गया है। टोपे ने कहा, ‘‘ विशेष ध्यान देकर जांच की जाए। जब कभी कोई व्यक्ति कोरोना वायरस जांच में संक्रमित पाया जाए तो शीघ्र ही सभी अधिक एवं कम जोखिम वाले व्यक्तियों की जांच की जाए। राज्य ने इन 18 जिलों के जिलाधिकारियों को संक्रमण दर कृत्रिम रूप से कम दिखाने के लिए यादृच्छिक जांच से बचने को कहा है।’’ टीके की खरीद के लिए जारी की गयी वैश्विक निविदा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ किसी भी टीका विनिर्माता की ओर से हमारी निविदा पर कोई जवाब नहीं आया। हमने स्पुतनिक-वी को ई-मेल भेजा है लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया है। राज्य का मत है कि केंद्र ही राज्य की ओर से निविदा निकाले और टीके खरीदे।’’

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