गुजरात की गांधीनगर अदालत ने अदाणी ग्रुप की मानहानि शिकायत पर पत्रकार अभिसार शर्मा और राजू परुलेकर को नोटिस जारी किया है। अदालत ने दोनों को व्यक्तिगत रूप से 20 सितंबर को पेश होने का निर्देश दिया है। अदाणी ग्रुप ने आरोप लगाया है कि यूट्यूबर के तौर पर सक्रिय अभिसार शर्मा और ब्लॉगर राजू परुलेकर ने झूठी और मानहानिकारक सामग्री प्रसारित कर कंपनी की साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
गांधीनगर के पी.एस. अडालज में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने शिकायत स्वीकार करते हुए दोनों को नोटिस जारी किया। अदाणी ग्रुप की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शिकायत भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 356 (1, 2 और 3) के तहत दर्ज कराई गई है, जो पुराने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 499, 500 और 501 के समान हैं।
कंपनी का कहना है कि शिकायत में 18 अगस्त 2025 को अभिसार शर्मा द्वारा अपलोड किए गए यूट्यूब वीडियो का हवाला दिया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि असम में अदाणी को हजारों बीघा जमीन आवंटित की गई। वहीं, राजू परुलेकर द्वारा जनवरी 2025 से किए गए ट्वीट्स और रीट्वीट्स में भी कथित ‘लैंड ग्रैब’, घोटालों और राजनीतिक लाभ के आरोप लगाए गए।
अदाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को “बेसलेस और भ्रामक” बताते हुए खारिज किया है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि 12 अगस्त 2025 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के जिस आदेश का हवाला प्रतिवादियों ने दिया, उसमें अदाणी का कोई उल्लेख नहीं है। साथ ही, जिस महाबल सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड को मामले के केंद्र में बताया जा रहा है, उसका अदाणी ग्रुप से कोई संबंध नहीं है।
कंपनी ने अदालत के समक्ष साक्ष्य के रूप में अभिसार शर्मा का वीडियो और उसकी ट्रांसक्रिप्ट, परुलेकर की सोशल मीडिया पोस्टें, गुवाहाटी हाईकोर्ट का आदेश और अन्य सहायक दस्तावेज पेश किए हैं।
यदि अदालत मामले को स्वीकार कर सुनवाई शुरू करती है, तो दोनों पत्रकारों को अधिकतम दो साल की सजा, जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। 20 सितंबर को अदालत में पेशी के बाद यह तय होगा कि मामला ट्रायल की ओर बढ़ेगा या नहीं।
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