बेसिर पैर के आरोप लगाने के लिए मशहूर महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने एनसीबी के पूर्व निदेशक समीर वानखेडे परिवार के खिलाफ कुछ बोलने का वादा किया था पर वे कोर्ट में किए इस वादे का लगातार उलंघन कर रहे हैं। इसके मद्देनजर समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव ने एक बार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
वानखेडे ने फिर से मंत्री मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। 20 जनवरी 2022 याचिका में 28 दिसंबर 2021, 2 जनवरी, 3 जनवरी 2022 को मलिक द्वारा वानखेडे परिवार के खिलाफ दिए गए बयानों का हवाला दिया गया है। मलिक पिछले साल अक्टूबर महीने से समीर, उनके पिता और परिवार के दूसरे सदस्यों पर निशाना साधते रहे हैं। इसके बाद ज्ञानदेव ने बांबे हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था।
लंबी सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति माधव जामदार ने महसूस किया कि मलिक वानखेडे और उनके परिवार पर लगातार इसलिए निशाना साध रहे हैं क्योंकि समीर ने उनके दामाद को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था। लेकिन जामदार ने मलिक को टिप्पणी करने से रोकने का आदेश देने से इनकार कर दिया। इसके बाद ज्ञानदेव ने दूसरी खंडपीठ के सामने याचिका दाखिल की। दूसरी खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाया तो मंत्री मलिक ने वादा किया कि वे कुछ सप्ताह तक समीर वानखेडे के परिवार के सदस्यों के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। लेकिन कुछ दिनों बाद ही मलिक ने मीडिया से बातचीत में वानखेडे परिवार पर निशाना साधा।
दिसंबर के पहले सप्ताह में ज्ञानदेव फिर हाईकोर्ट पहुंचे और उन्होंने मलिक द्वारा परिवार के खिलाफ दिए बयानों की जानकारी अदालत को दी। अदालत के कड़े रुख के बाद मलिक ने बिनाशर्त माफी मांग ली और कहा कि वे फिर वानखेडे परिवार के बारे में कुछ नहीं कहेंगे। वहीं अदालत ने कहा था कि वानखेडे सरकारी अधिकारी हैं इसलिए मलिक के पास उनके जिम्मेदारियों को लेकर बात करने का अधिकार है। बता दें मलिक वानखेडे और उनके परिवार पर धर्म बदलने, फर्जी जाति प्रमाणपत्र रखने, जबरन वसूली करने, नाबालिग होने के बावजूद बार का लाइसेंस हासिल करने जैसे आरोप लगाते रहे हैं।
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