मुंबई। दस साल की अवधि बीतने के बाद भी मुंबई-गोवा हाईवे को चोड़ा करने का कार्य पूरा न होने से नाराज बांबे हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने कहा कि अब तक यह कार्य पूरा नहीं हो जाता हम महाराष्ट्र को कोई नई परियोजना शुरु करने की अनुमति नहीं देंगे। खंडपीठ ने दिसंबर 2021 तक यह कार्य पूरा करने को कहा है। इसको लेकर हाईकोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया क जब से महामार्ग के चौडीकरण के काम की शुरुआत हुई थी तब से 2442 लोगों की मौत इस मार्ग पर दुर्घटना के चलते हो चुकी है। महामार्ग के काम की धीमा रफ्तार से खिन्न मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरी कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि जब तक मुंबई-गोवा हाइवे के चौडीकरण का कार्य पूरा नहीं होगा हम महाराष्ट्र सरकार को विकास कार्य के नए प्रोजेक्ट की इजाजत नहीं देंगे। हम चाहते हैं कि लोगों को पहले महामार्ग से जुड़े प्रोजेक्ट का फायदा मिले। खंडपीठ ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर महामार्ग के गड्ढे भरने की निर्देश दिया है।
ताकि वहां पर होनेवाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। खंडपीठ के सामने पेशे से वकील ओवेसी पेचकर की ओर से साल 2018 में दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मांग की गई है कि राज्य व केंद्र सरकार के प्राधिकरणों को मुंबई-गोवा महामार्ग के गड्ढों को भरने का निर्देश दिया जाए। जिससे वहां पर होनेवाली सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। खंडपीठ ने भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण व राज्य के पीडबल्यूडी को तत्काल महामार्ग के मरम्मत से जुडे कार्य को देखने को कहा है।
ताकि वहां पर होनेवाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। खंडपीठ के सामने पेशे से वकील ओवेसी पेचकर की ओर से साल 2018 में दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मांग की गई है कि राज्य व केंद्र सरकार के प्राधिकरणों को मुंबई-गोवा महामार्ग के गड्ढों को भरने का निर्देश दिया जाए। जिससे वहां पर होनेवाली सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। खंडपीठ ने भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण व राज्य के पीडबल्यूडी को तत्काल महामार्ग के मरम्मत से जुडे कार्य को देखने को कहा है।