रवि राणा-नवनीत राणा के जमानत में रोड़े अटका रही पुलिस

अब 29 अप्रैल को होगी सुनवाई 

रवि राणा-नवनीत राणा के जमानत में रोड़े अटका रही पुलिस
खुद को हिंदुत्ववाद कहने वाली शिवसेना के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास के सामने हनुमान चालीसा पाठ करने के मामले में गिरफ्तार विधायक रवि राणा और उनकी सांसद पत्नी नवनीत राणा के जमानत में सरकार के इशारे पर मुंबई पुलिस रोड़े अटका रही है। मंगलवार को मुंबई सत्र न्यायालय राणा दंपति के जमानत आवेदन पर इस लिए सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि पुलिस ने हलफनामा दायर करने के लिए समय की मांग कर दी। अब नवनीत राणा व विधायक रवि राणा के जमानत आवेदन पर 29 अप्रैल 2022 को सुनवाई होगी। तब तक राणा दंपति को जेल में ही रहना पडेगा।
मंगलवार को जब न्यायाधीश के सामने राणा दंपति का जमानत आवेदन सुनवाई के लिए आया तो पुलिस ने जमानत आवेदन पर हलफनामा दायर करने के लिए समय की मांग की। न्यायाधीश ने पुलिस के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए जमानत आवेदन पर सुनवाई 29 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। राणा दंपति ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी। इसके बाद हुए हंगामें के चलते पुलिस ने राणा दंपति को 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने इस मामले में राणा दंपति के खिलाफ नफरत फैलाने के साथ ही देशद्रोह का मामला दर्ज किया है। मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजा है। इसी मामले को लेकर राणा दंपति ने सत्र न्यायालय में जमानत आवेदन किया है। मजिस्ट्रेट कोर्ट के पास धारा 124ए (देशद्रोह) के मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है क्योंकि इस मामले में सात साल की सजा का प्रावधान है। विधायक राणा को नई मुंबई के तलोजा जेल में रखा गया है जबकि उनकी सांसद पत्नी भायखला जेल में हैं।
  जमानत आवेदन पर सुनवाई के दौरान राणा दंपति की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रिजवान मर्चेंट ने न्यायाधीश के सामने कहा कि मेरे मुवक्किल ने जमानत के लिए पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने आवेदन किया था लेकिन अब वे इस जमानत आवेदन को वापस ले लेंगे। उन्होंने कहा कि खार पुलिस ने शुरुआत में उनके मुवक्किल के खिलाफ 153ए के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन बाद में धारा 124ए लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल का किसी को भड़काने व नफरत फैलाने का बिल्कुल भी आशय नहीं था। इस मामले में मेरे मुवक्किल के खिलाफ धारा 124ए के तहत मामला नहीं बनता है। राणा दंपति के खिलाफ पुलिस ने धारा 353(पुलिस के कामकाज में रुकावट) के तहत भी एफआईआर दर्ज की है। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर राणा दंपति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया है।
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