सामाजिक समारोहों में ध्वनि रिकॉर्डिंग चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं

एफएचआरएआई और ईईएमए ने  अधिनियम के विषय मे  हिस्सेदारों को अवगत कराने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान आयोजित करेंगे 

सामाजिक समारोहों में ध्वनि रिकॉर्डिंग चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं

मुंबई। भारत के शीर्ष हॉस्पिटैलिटी एसोसिएशन फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) और इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन (ईईएमए) ने एक साथ मिलकर पुलिस के साथ-साथ सामान्य जनता व उद्योग के अन्य हिस्सेदारों को यह बतानें के लिए कि होटलों में विवाह या अन्य सामाजिक या धार्मिक कार्यों के लिए किसी भी तरह का ध्वनि रिकॉर्डिंग लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। इसको लेकर एक राष्ट्रव्यापी अभियान आयोजित करने की योजना बनाई है। यह अभियान हाल की एक घटना के परिणामस्वरूप आयोजित किया जा रहा है, जहां मुंबई स्थित दो निजी फर्मों ने पुणे के कोरेगांव पार्क में  होटल में विवाह समारोहों में संगीत प्रदर्शन के लिए कॉपीराइट लाइसेंस जारी करने के बहाने व्यवसायियों से 1.37 लाख रुपये की ऐंठ लिया। दोंनो फर्मों के खिलाफ जबरन वसूली और धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है।

एफएचआरएआई ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी 27 अगस्त, 2019 की अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा है कि सभी धार्मिक और विवाह संबंधी कार्यों को कॉपीराइट शुल्क के भुगतान से छूट दी जाएगी।  इस तरह के कार्यों में सभी धार्मिक समारोह, विवाह समारोह, सगाई और रिसेप्शन शामिल होंगे।  एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि कॉपीराइट अधिनियम 1957 की धारा 52 शादी से जुड़े बारात और अन्य सामाजिक उत्सवों सहित सभी धार्मिक कार्यों के लिए रॉयल्टी या लाइसेंस शुल्क के भुगतान पर छूट प्रदान करती है। एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष  गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा कि हमें कुछ कॉपीराइट एजेंसियों के बारे में सदस्यों से कई शिकायतें मिल रही हैं, जिसमें होटलों के मेहमानों से जबरन पैसे वसूलने की बात सामने आई है।  चूंकि इस महीने शादियों का सीजन शुरू हो रहा है, ऐसे में इस तरह की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।

हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आयोजनों और आतिथ्य उद्योग के साथ-साथ अन्य हिस्सेदारों को भी अवगत कराया जाए कि कानून होटल या अन्य स्थानों पर आयोजित विवाह कार्यक्रमों और संबंधित सामाजिक कार्यों के लिए किसी भी ध्वनि रिकॉर्डिंग को चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने से छूट देता है। इसी विषय में एक सार्वजनिक नोटिस 2019 में सरकार द्वारा जारी किया गया है। दुर्भाग्य से, कानूनी तौर से इस छूट के बारे में सभी को जानकारी नहीं है और तथाकथित कॉपीराइट एजेंसियां इसका दुरुपयोग कर रही हैं।  एफएचआरएआई और ईईएमए जल्द ही अपने क्षेत्रीय और स्थानीय संघों के माध्यम से इस जानकारी को अधिक से अधिक होटलों, रेस्तरां प्रतिष्ठानों के साथ-साथ सभी इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों तक पहुंचाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान का आयोजन करेंगे।  हम इन एजेंसियों की अवैध गतिविधियों से अवगत कराने के लिए देश के सभी राज्यों में पुलिस सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों तक भी यह जानकारी पहुचाएंगे ।

एफएचआरएआई ने कहा है कि कुछ निजी एजेंसियों के आपराधिक इतिहास हैं और वे बैंक रिकवरी एजेंटों की तरह काम करते हैं और अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं, जिसमें होटल प्रबंधकों को धमकी देना, शादियों में जबरदस्ती घुसना, समारोहों में चोरी – छिपे फोटो या वीडियो क्लिप लेना, लाखों रुपये देने के दावों के साथ कानूनी नोटिस भेजने की धमकी देना शामिल है।  होटल मालिकों के साथ-साथ मेहमानों द्वारा लाखों रुपये भरने में  विफल होने पर वे होटल और मेहमानों के खिलाफ एफआईआर और मामले दर्ज करने की धमकी भी देते हैं।

एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि ऐसी एजेंसियां गुप्त रूप से घटनाओं को रिकॉर्ड करने के लिए निजी स्थानों पर गैरकानूनी रूप से प्रवेश करती हैं।  वे पैसे वसूलने के लिए उन होटल मालिकों और उनके मेहमानों को धमकी भरे कानूनी नोटिस भेजते हैं, जो उनसे अपनी शादी के कार्यक्रमों के लिए बैंक्वेट हॉल किराए पर लेते हैं।  इस तरह के कार्यों को आपराधिक कृत्य घोषित किया गया हैं। ईईएमए के अध्यक्ष श्री रोशन अब्बास ने बताया,” हम अपने  सदस्यों से लगातार इस विषय में सुन रहे हैं।  कुछ एजेंसियां शादी और संबंधित कार्यक्रमों के दौरान अनैतिक मुद्दे पैदा करती रही हैं।  बहुत सारे लोग हैं जो इन 5-सितारा होटलों में बुकिंग करते समय इन खामियों को नहीं समझते हैं और उनकी आपराधिक कृत्यों के शिकार बनकर  ऐसे लाइसेंसों के लिए अनुचित राशि का भुगतान करते हैं , और वे उन परिवारों को परेशान कर उन पर अत्यधिक दबाव डाल कर उनसे पैसे निकालने की कोशिश करते हैं।

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