मनपा यानी बीएमसी ने इस साल गणेशोत्सव के दौरान नागरिकों और विभिन्न पंडालों के आयोजकों के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों को केवल कृत्रिम सरोवरों में विसर्जित करना अनिवार्य कर दिया है। बीएमसी ने पीओपी से बनीं मूर्तियों के विर्सजन की इस साल ‘‘एक विशेष मामले’’ के तौर पर अनुमति देते हुए कहा कि मूर्तियों पर यह उल्लेख करना अनिवार्य होगा कि वे पीओपी से बनी हैं। बीएमसी ने यह भी घोषणा की कि 2023 में गणेशोत्सव के दौरान बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में पीओपी की मूर्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध होगा।
नगर निकाय ने पिछले महीने गणेशोत्सव से पहले पीओपी की मूर्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा की थी, लेकिन विभिन्न गणेश मंडलों के छत्र निकाय ‘बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति’ के साथ सोमवार को हुई बैठक के बाद नगर निकाय ने अपने पहले के फैसले को वापस ले लिया। बीएमसी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण दो साल बाद आयोजित हो रहे गणेशोत्सव के दौरान इस साल ‘‘एक विशेष मामले’’ के तौर पर भगवान गणेश की पीओपी मूर्तियां खरीदने एवं बेचने की अनुमति दी गई है, लेकिन ये अगले साल से पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगी। उसने कहा, ‘‘पीओपी से बनी गणेश की घर में स्थापित की गईं प्रतिमाओं को केवल किसी कृत्रिम सरोवर में विसर्जित करना अनिवार्य होगा।
इन मूर्तियों पर ‘प्लास्टर ऑफ पेरिस’ का उल्लेख करना भी अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि विसर्जन के दौरान इनकी पहचान की जा सके।’’ विज्ञप्ति में बीएमसी जोन-द्वितीय के उपायुक्त हर्षद काले की ओर से आग्रह किया गया है कि इस साल गणेशोत्सव के दौरान घर पर स्थापित मूर्तियों की ऊंचाई दो फुट से अधिक नहीं हो और सार्वजनिक पंडाल के लिए भी कम से कम ऊंची मूर्तियां स्थापित की जाएं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि गणपति पंडाल के लिए नागरिक निकाय एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से ऑनलाइन अनुमति जारी करेगा।
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