पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री व एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भले ही 82 साल के हो गए हैं पर वे खुद को अभी बुजुर्ग नहीं समझते। सोमवार को पुणे में किसानों के एक कार्यक्रम में उन्होंने खुद यह दावा किया। इस दौरान पवार ने कहा कि ‘मुझसे एनसीपी के एक कार्यकर्ता ने कहा कि आप बाहर घुमना बंद कर दीजिए क्योंकि उन्हें लगता है कि मैं बूढ़ा हो गया हूं। और मुझे अपनी तबीयत का ख्याल रखना चाहिए। लेकिन मैं उनसे कहना चाहूंगा कि मैं बूढ़ा नहीं हुआ हूं। आयु बढ़ रही है शरीर पर इसका असर पड़ता है। लेकिन जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए मैं हर संभव प्रयास करने के लिए तयार हूं।
‘भूविकास बैंक का कर्ज वैसे भी वापस नहीं होने वाला था’:एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शिंदे सरकार के भूविकास बैंक से कर्ज लेने वाले 34 हजार 788 किसानों का 964 करोड़ रुपए 15 लाख रुपए माफ करने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। सोमवार को पुणे में पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने भूविकास बैंक का कर्ज माफ करने की घोषणा की है। लेकिन पिछले दस सालों में एक भी किसान को भूविकास बैंक का कर्ज मिला है क्या? भूविकास बैंक अस्तित्व में है क्या? भूविकास बैंक एक समय में थी। अब भूविकास बैंक का नाम भी अस्तित्व में नहीं है।
पवार ने कहा कि बीते 25-30 सालों में भूविकास बैंक के कर्ज के वसूली के लिए कोई जाता भी नहीं है। सरकार को भी पता है कि बकाया कर्ज की वसूली नहीं होने वाली है। इसके बावजूद सरकार ने भूविकास बैंक के किसानों के कर्ज को माफ करने की घोषणा की है। पवार ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को मदद करने का फैसला करना चाहिए।
पवार ने कहा कि यूपीए की सरकार में मैं जब केंद्रीय कृषि मंत्री था तब तीन महीने के भीतर किसानों का 72 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का फैसला लिया था। राज्य सरकार को भी कृषि कर्ज का ब्याज माफ करने के निर्देश दिए थे। पवार ने कहा कि एक समय ऐसा था तब पुणे के ग्रामीण इलाकों में लोग मुझसे रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) और सूखा से निपटने का काम शुरू करने की मांग करते थे।
अब लोग मुझसे नया चीनी कारखाना खोलने की मांग करते हैं। इसका मतलब है कि निश्चित रूप से दिन बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि पानी की समस्या को आम सहमति से निपटाया जाना चाहिए। जिससे किसानों को अधिक से अधिक पानी मिल सके। इसके पहले बीते 20 अक्टूबर को राज्य मंत्रिमंडल ने भूविकास बैंक के 34 हजार 788 कर्जदार किसानों का पूरा कर्ज 964 करोड़ 15 लाख रुपए कर्ज माफ करने को मंजूरी दी थी।
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