देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में संकट शनिवार (6 दिसंबर) को और गहराया था। दौरान DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को शो-कॉज नोटिस जारी कर उड़ानों में भारी पैमाने पर हो रही देरी, रद्दीकरण और परिचालन अव्यवस्था पर जवाब मांगा है। नियामक ने उन्हें 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है, चेतावनी दी है कि समय पर जवाब न मिलने पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी।
DGCA ने नोटिस में कहा कि इंडिगो की अव्यवस्था ने यात्रियों को गंभीर असुविधा, कठिनाई और तनाव झेलने पर मजबूर किया है। नोटिस के अनुसार, परिचालन टूटने की मुख्य वजह एयरलाइन द्वारा मंजूरशुदा फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) स्कीम के सुचारू क्रियान्वयन के लिए आवश्यक इंतज़ाम न करना रहा। नियामक ने इस पूरे संकट को योजना, निगरानी और संसाधन प्रबंधन में गंभीर चूक का नतीजा बताया।
नोटिस में यह भी कहा गया कि इंडिगो ने फ्लाइट्स के रद्द करने, लंबी देरीयों और बोर्डिंग से मना किए जाने की स्थिति में यात्रियों को उपलब्ध कराई जाने वाली अनिवार्य सुविधाओं और सूचनाओं का पालन नहीं किया। DGCA ने सीधे तौर पर CEO को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी निभाने में विफलता दिखाई है और यह सुनिश्चित नहीं किया कि यात्रियों को भरोसेमंद सेवाएँ व उनके अधिकारों के अनुरूप सुविधाएँ मिलें।
इंडिगो की परिचालन स्थिति लगातार पाँचवें दिन तक बिगड़ी हुई थी और यात्रियों की परेशानियाँ देशभर के बड़े हवाई अड्डों पर बढ़ती जा रही थी। शनिवार को ही 850 से अधिक उड़ानों के रद्द होने से इंडिगो का नेटवर्क लगभग ठप हो गया।
देशभर में यात्रियों को लंबी कतारों, मिस-कनेक्शन, लेट बैगेज और असंगठित सपोर्ट सिस्टम जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड रविवार(7 दिसंबर) शाम तक क्लियर किए जाएँ और बिखरे हुए बैगेज को दो दिनों के भीतर यात्रियों तक पहुँचाया जाए। साथ ही एयरलाइन को डेडिकेटेड पैसेंजर-सपोर्ट और रिफंड-फैसिलिटेशन सेल बनाने को भी कहा गया है।
इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज मंत्रालय के साथ बैठक कर उन कदमों की जानकारी दी, जो सेवाएँ बहाल करने और आगे के रद्दीकरण रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं।
इस संकट के बीच एयर इंडिया ग्रुप एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस आगे आकर यात्रियों को राहत देने की कोशिश कर रहा है। समूह ने घरेलू नॉन-स्टॉप उड़ानों में इकोनॉमी किराया सीमित किया है, योग्य बुकिंग पर एक बार का रीबुकिंग/कैंसिलेशन शुल्क माफ किया, कॉल सेंटरों पर अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया और विभिन्न रूटों पर सीट क्षमता बढ़ाई है।
जहाँ संभव हुआ, योग्य यात्रियों को बिना अतिरिक्त शुल्क उच्च कैबिन में अपग्रेड किया जा सकता है ताकि उपलब्ध सीटों का पूरा उपयोग हो सके। अतिरिक्त उड़ानें भी चलाई जा रही हैं, जिससे यात्रियों और उनके बैगेज को जल्द मंज़िल तक पहुँचाया जा सके। इंडिगो के नेटवर्क पर चल रहा यह परिचालन संकट देश की अब तक की सबसे गंभीर एयरलाइन व्यवधान स्थितियों में से एक बन गया है, और आने वाले दिनों में DGCA की संभावित कार्रवाई पर सबकी नज़र टिकी रहेगी।
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