असम के मशहूर गायक जुबिन गर्ग की रहस्यमयी मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। पुलिस ने बुधवार रात जुबिन के चचेरे भाई और असम पुलिस सेवा (APS) के अधिकारी डीएसपी संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया है। वे सिंगापुर में उस यॉट पार्टी में मौजूद थे, जहां गायक की मौत हुई थी।
क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने लंबे पूछताछ सत्रों के बाद डीएसपी संदीपन गर्ग को हिरासत में लिया। इससे पहले उन्हें जुबिन गर्ग के प्रबंधक, बैंड सदस्यों और कार्यक्रम आयोजकों के साथ कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि संदीपन गर्ग को आज सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) अदालत में पेश किया जाएगा।
52 वर्षीय गायक जुबिन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर के एक द्वीप के पास तैराकी के दौरान मौत हो गई थी। वे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में प्रस्तुति देने सिंगापुर गए थे और वहां अपने सहयोगियों के साथ यॉट पर सैर करने निकले थे।
संदीपन गर्ग से पहले पुलिस ने चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था, जिनमें गायक के बैंड सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी, प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, कार्यक्रम आयोजक श्यामकानु महांता और संगीतकार अमृतप्रभा महांता शामिल हैं। बैंड सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी ने सनसनीखेज आरोप लगाया था कि गायक के प्रबंधक और कार्यक्रम आयोजक ने जुबिन को जहर दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि “आरोपियों ने साजिश के तहत विदेशी जगह चुनी ताकि अपराध को छिपाया जा सके।”
‘या अली’ जैसे लोकप्रिय गीतों से पहचान बनाने वाले जुबिन गर्ग की मौत ने पूरे देश में शोक और आक्रोश फैला दिया था।गायक की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने भी उनकी मौत पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सिंगापुर पुलिस की उस ऑटोप्सी रिपोर्ट को चुनौती दी है जिसमें किसी तरह की आपराधिक साजिश से इंकार किया गया था। गरिमा ने कहा कि जांच में “गंभीर चूक और असंगतियां” हैं और भारत सरकार से मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
असम पुलिस की सीआईडी टीम अब यह जांच कर रही है कि जुबिन गर्ग की मौत दुर्घटना थी या सुनियोजित साजिश। संदीपन गर्ग की गिरफ्तारी के बाद यह मामला और गहराता जा रहा है, और राज्य में पुलिस व प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
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