रविवार (15 जून) सुबह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से दिल दहला देने वाली खबर आई। केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी की ओर जा रहा एक हेलिकॉप्टर गौरीकुंड क्षेत्र के घने जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट समेत सभी सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 23 महीने का एक मासूम शिशु भी शामिल है। यह हादसा सुबह करीब 5:20 बजे गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच ‘गौरी माई खर्क’ नामक दुर्गम वन क्षेत्र में हुआ।
हेलिकॉप्टर महज 10 मिनट की उड़ान पर था और तीर्थयात्रियों को लेकर गुप्तकाशी जा रहा था। लेकिन आसमान में मौसम ने करवट ली और हेलिकॉप्टर सीधे घने जंगल में जा गिरा। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने पुष्टि की है कि हादसे में छह तीर्थयात्री और एक पायलट की जान चली गई। ये तीर्थयात्री उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से थे।
अधिकारियों के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह संदेह है कि हादसे की मुख्य वजह खराब दृश्यता और प्रतिकूल मौसम की स्थिति हो सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम तेजी से बदलता है और यही इस दुर्घटना का कारण बना।
घटनास्थल घने जंगल और पहाड़ी इलाकों में है, जिससे बचाव कार्य बेहद जटिल हो गया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर भेजी जा चुकी हैं। स्थानीय प्रशासन भी राहत कार्यों में जुटा है। एसडीआरएफ की टीमें बेहद कठिन रास्तों से गुजरते हुए घटनास्थल तक पहुंच रही हैं।
हादसे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा,”रुद्रप्रयाग जिले में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना की बहुत दुखद खबर मिली है। एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और अन्य बचाव दल राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। मैं बाबा केदार से सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।”
गौरतलब है कि 2 मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद से यह पांचवीं हेलिकॉप्टर दुर्घटना है। इससे पहले 7 जून को भी एक हेलिकॉप्टर में उड़ान के समय तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसे पायलट ने रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर आपातकालीन लैंडिंग कर किसी तरह टाला था। उस हादसे में पांच तीर्थयात्रियों की जान बच गई थी, हालांकि पायलट को मामूली चोटें आई थीं।
दुर्घटना के बाद चारधाम क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवाएं अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई हैं। यह निर्णय UCADA (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) और DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) द्वारा संयुक्त रूप से लिया गया।
लगातार हो रही घटनाओं के बाद अब हेलिकॉप्टर सुरक्षा मानकों, मौसम पूर्वानुमान और उड़ान प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। एक ओर सरकार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर हादसे लगातार तीर्थ यात्रा की विश्वसनीयता को चुनौती दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
कैसे ईरान की सत्ता पलटेगा इजरायल?
बाउंड्री कैच के नियम में हुआ बड़ा बदलाव!
15 जून 2025 का विस्तृत राशिफल: जानें कैसा होगा करियर और आर्थिक स्थिती



