ठाणे। हवस वाकई अंधी होती है, कब-कहां-क्या-कैसा आदि से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता, उसका लक्ष्य महज होता है स्वार्थपूर्ति भर का। इसका तरोताजा प्रकरण सामने यह आया है कि वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमणकाल में ठाकरे सरकार द्वारा जहां जरूरी दुकानों, प्रतिष्ठानों, बाजार आदि पर कई पाबंदियां लगाई गई हैं, तो वहीं, इस की आड़ में लॉजिंग-बोर्डिंग में सेक्स रैकेट का गोरखधंधा तेजी से पनप रहा है। ठाणे पुलिस के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने डोंबिवली में ऐसे ही रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि यहां से 4 युवतियों को छुड़ाया गया है, जिनसे जबरन जिस्मफरोशी कराई जाती थी।
‘कुछ-कुछ’ होता था वहां: ‘साईराज विराज लॉजिंग बोर्डिंग’ नामक यह लाॅज डोंबिवली (पूर्व) में मौजूद है और ठाणे पुलिस आयुक्तालय के सीमा क्षेत्रांतर्गत है। ठाणे पुलिस क्राइम ब्रांच के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के सीनियर इंस्पेक्टर अशोक कडलग के अनुसार मुखबिर को इस लाॅज में जिस्मफरोशी का गोरखधंधा चल रहे होने की सूचना मिली थी। उसने इस इलाके के कई लोगों से सुन रखा था कि यहां ‘कुछ-कुछ’ होता है। लिहाजा, उन्होंने सेल की एक टीम बनाकर स्थानीय पुलिस के सहयोग से वहाँ दबिश दी और अपनी समूची कार्रवाई को अंजाम दिया।
जबरन कराई जाती थी जिस्मफरोशी: पुलिस ने बताया है कि उसने पहले लॉज में पैसे देकर फर्जी ग्राहक भेजे, कमरा बुक किया और जब जिस्मफरोशी के लिए पसंद करने उक्त युवतियों को इनके समक्ष बुलाया गया, फौरन छापेमारी कर वहां से 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें विराज लॉजिंग बोर्डिंग के मैनेजर, कैशियर, दो वेटरों व दो दलालों का समावेश है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल की टीम ने इनके चंगुल में फंस जबरन जिस्मफरोशी कराई जा रही 4 युवतियों को मुक्त कराया है। इस प्रकरण में पुलिस पीटा एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगे जांच में जुटी है। मुक्त कराई गई सभी युवतियों का मेडिकल कराकर उन्हें महिला सुधारगृह भेज दिया गया है।