रायगढ़ जिले के खालापुर तालुका के इरशालवाड़ी में बुधवार की रात को पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ, जबकि रायगढ़ दो दिनों से भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति से जूझ रहा था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज विधानसभा को बताया कि इरशालगढ़ की तलहटी में स्थित इस वाडी पर भूस्खलन के कारण 20 लोगों की मौत हो गई है| 48 परिवारों वाले इस गाँव में 228 नागरिक रहते थे। लेकिन, अब तक सिर्फ 109 नागरिकों की ही पहचान हो पाई है| इसलिए बचाव दल के सामने बाकी नागरिकों को ढूंढना बड़ी चुनौती है| इस संबंध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अहम जानकारी दी है| चूंकि इरशालवाड़ी तक सड़क उपलब्ध नहीं थी, इसलिए मशीनरी ले जाना असंभव हो गया। इसके चलते पूरे दिन जनशक्ति की मदद से बचाव कार्य चलता रहा। सरकार ने इस काम के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात किये थे| हालाँकि, उनका उपयोग नहीं किया जा सका क्योंकि दिन भर लगातार बारिश होती रही।
यह घटना 19 जुलाई की रात की है| जैसे ही लोग सोने जा रहे थे, उसी समय उन पर पहाड़ का मलवा गिरा। हालाँकि, इस बार आश्रम स्कूल के बच्चे खेल रहे थे। उन्हें किसी चीज़ के ज़ोर से टकराने की आवाज़ सुनाई दी। इससे कुछ लोग सतर्क हो गये और तुरंत घर से बाहर निकल गये, लेकिन जिन लोगों तक यह जानकारी नहीं पहुंच सकी, वे मलबे में फंस गए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ”बच्चे आश्रम में खेल रहे थे, जब उन्होंने आवाज सुनी तो ग्रामीणों को बताया. इससे 20-25 लोगों को बचाया जा सकता है।’ कुछ लोग मछली पकड़ने गए, कुछ लोग धान की खेती करने गए। कुछ लोगों के बाहर होने की संभावना है।”
वाडी में ही किया दाह संस्कार: “शवों को ठिकाने लगाना भी एक काम था। एक तरफ मलबा हटाने का काम शुरू हुआ| मृतक के परिजनों से बातचीत के बाद वाडी में ही अनुष्ठान करने का निर्णय लिया गया|यह बहुत ही डरावनी और भयावह स्थिति थी,लेकिन, इस दौरान सभी ने इंसानियत दिखाई| बचाव दल ने सभी आवश्यक सहायता प्रदान की। पानी और बिस्किट भी उपलब्ध कराये गये। मृतकों के परिजनों को नीचे लाया, स्कूल में रखा, व्यवस्थित किया। एनडीआरएफ ने काफी मदद की| पूरा पहाड़ टूट कर घरों पर गिर गया| जिन लोगों के घर बंद थे उनकी तलाश की जा रही है|
वह बहुत सुदूर इलाका था, बारिश हो रही थी, तेज़ हवा चल रही थी। सिस्टम करीब 12.40 बजे मौके पर पहुंचा। मैं उनसे लगातार संपर्क में था| सामाजिक संगठन यशवंती हाइकर्स के 25 स्वयंसेवक, चौक के 30 ग्रामीण, नगर पालिका खोपोली के कर्मचारी, पोलाद के नदी सेनानी स्थानीय बचाव कार्य के लिए वहां पहुंचे। एनडीआरएफ की चार टीमें पहुंचीं| टीडीआरएफए की पांच टीमों ने बहुमूल्य प्रदर्शन किया। इस जनसैलाब की जानकारी मिलते ही कलेक्टर, एसपी, आईजी, जिला मजिस्ट्रेट, तहसीलदार तुरंत पहुंच गए| वे वहां से मेरे संपर्क में थे।’ गिरीश महाजन को बुलाया| वे रात को तुरंत चले गये। वे दोपहर साढ़े तीन बजे मौके पर पहुंचे। एकनाथ शिंदे ने बताया कि विधायक महेश बाल्दी भी उनके साथ थे|
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