मुंबई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़े लोगों के घरों या दफ्तरों पर छापेमारी को भारतीय जनता पार्टी से जोड़ना हास्यास्पद है। भाजपा के प्रदेश ने कहा कि यह दावा कि छापेमारी राकांपा अध्यक्ष शरद पवार द्वारा लखीमपुर खीरी मामले पर की गई आलोचना के कारण की गई थी, एक बड़ा मजाक है। चंद्रकांत दादा पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि आयकर विभाग(Income Tax) द्वारा राज्य में विभिन्न स्थानों पर गुरुवार को की गई छापेमारी पिछले छह महीनों में एकत्र की गई जानकारी पर आधारित थी।
ऐसे में यह कहना मजाक ही होगा कि कुछ दिन पहले हुए लखीमपुर खीरी मामले पर शरद पवार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया था, इसलिए हो सकता है कि उन पर दबाव बनाने के लिए छापे मारे गए। राज्य में 25 आवासों और 15 कार्यालयों पर एक-दो दिन में छापेमारी नहीं हो सकती है। इस कार्रवाई की व्यापक प्रकृति बताती है कि आयकर विभाग ने इस संबंध में काफी तैयारी की होगी। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग एक स्वतंत्र केंद्रीय निकाय है। वह कानून के दायरे में अपना काम करती है। यदि आयकर विभाग कुछ वित्तीय लेनदेन का खुलासा करता है, तो इसका कानूनी तरीके से जवाब दिया जाना चाहिए।
इस तरह की छापेमारी को भारतीय जनता पार्टी से जोड़कर राजनीतिक रंग देना और उसके आधार पर खुद को बरी करने का प्रयास करना हास्यास्पद है।शुक्रवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने सोलापुर व उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले ने मुंबई में प्रेस कांफ्रेस कर आयकर छोपे को लेकर टिप्पणी की और इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र दिल्ली तख्त के सामने नहीं झुकेगा। सोलापुर में पवार ने कहा कि लखीमपुर खीरी मामले को लेकर मैंने जो बयान दिया था उससे चिढ़ कर मेरे परिवार पर छोपे की कार्रवाई की गई है।