अपने लावणी डांस से पूरे महाराष्ट्र में मशहूर हुईं गौतमी पाटिल का युवाओं के बीच जबरदस्त क्रेज है। उन्हें ‘सबसे कातिल गौतमी पाटिल’ कहा जाता है। गौतमी पाटिल के पिता को धूल में लावारिस और गंभीर अवस्था में पाया गया है। एक गैर सरकारी संगठन स्वराज्य फाउंडेशन के प्रमुख दुर्गेश चव्हाण ने उन्हें इलाज के लिए यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन इस बार, दुर्गेश चव्हाण को नहीं पता था कि जिसे वे भर्ती करा रहे वह व्यक्ति कौन था?
बेसहारों की मदद के लिए काम करते हैं दुर्गेश चव्हाण: स्वराज्य फाउंडेशन दुर्गेश चव्हाण अपने एनजीओ के जरिए बेसहारा लोगों की मदद के लिए काम करते हैं। चव्हाण ने गुरुवार को गौतमी पाटिल के पिता को सूरत बाईपास हाईवे से जिला अस्पताल में भर्ती कराया।इसके बाद उसकी जेब में मिले आधार कार्ड के आधार पर उस शख्स का नाम रवींद्र बाबूराव पाटिल रेस बताया गया| चव्हाण ने संबंधित लोगों को उस व्यक्ति से संपर्क करने के लिए सोशल मीडिया पर संदेश वायरल कर दिया। इसके बाद रविंद्र के बारे में जानकारी सामने आई और समझ आया कि वह गौतमी पाटिल के पिता हैं|
रवींद्र पाटिल के बहनोई शोभा आनंद नेरापगार (पाटिल) अपनी बेटी के साथ हीरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। शोभा नेरापगार ने इस खबर की पुष्टि की है कि रवींद्र पाटिल मशहूर नृत्यांगना लावणी नृत्यांगना गौतमी पाटिल के पिता हैं| उन्होंने यह भी कहा कि रवींद्र पाटिल की पत्नी और बेटी गौतमी पिछले पंद्रह साल से पुणे में रह रही हैं|
शोभा नेरापगार ने यह भी कहा कि मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है| यहां तक कि खुद दुर्गेश चव्हाण को भी नहीं पता था कि रवींद्र पाटिल की बेटी गौतमी पाटिल को अनाथ के रूप में दाखिल किया गया है,लेकिन सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल होने के बाद उनके पास रवींद्र पाटिल के स्वास्थ्य के बारे में पूछने के लिए सौ से ज्यादा फोन कॉल आए| इस मौके पर दुर्गेश चव्हाण ने जानकारी दी|
कैसे हुई रवींद्र पाटिल की पहचान?: रवींद्र पाटिल पिछले पंद्रह साल से अपनी पत्नी और बेटी से अलग थे। गौतमी पाटिल शिंदखेडा में अपने मामा के पास पली बढ़ीं। आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई के बाद वह पुणे पहुंचीं। तभी से उनका डांस सफर शुरू हुआ| चव्हाण ने यह भी कहा कि गौतमी पाटिल की मौसी धूल में हैं और उन्होंने यह भी कहा है कि उनका गौतमी से कोई संबंध नहीं है|
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