मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने अनाथ बच्चों शिक्षा व रोजगार में एक प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिय़ा है। अनाथों को आरक्षण की नीति में बदलाव किया गया है। अनाथ बच्चों की तीन श्रेणी बना कर उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।
अनाथ बच्चों की अ, ब और क श्रेणी होगी और तीनों श्रेणी के बच्चों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण मिलेगा। अनाथ बच्चों के लिए खुले वर्ग से लागू किए गए एक फीसदी समानांतर आरक्षण के बजाय दिव्यांगों की तर्ज पर एक प्रतिशत समानांतर आरक्षण लागू होगा। आरक्षण के पदों की गणना के लिए कुल पदों के एक प्रतिशत के रूप में भर्ती के साथ-साथ शिक्षा सस्थानों में प्रवेश के लिए स्वीकृति दी गई थी। अनाथ आरक्षण के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को अनुसूचित जाति या इस श्रेणी के लिए निर्धारित मापदंड जैसे आयु, शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क, न्यूनतम गुणवत्ता योग्यता आदि लागू होंगे।
अनाथ बच्चों को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा शुल्क की संपूर्ण प्रतिपूर्ति तथा उच्च शिक्षा (स्नातक और स्नातकोत्तर) के लिए सरकारी कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले अनाथ बच्चों की शिक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति महिला व बाल विकास विभाग की बाल न्याय निधि से की जाएगी। अनाथ बच्चों को आरक्षण पिछली फडणवीस सरकार ने लागू किया था। इस सरकार ने उनकी पॉलिसी में बदलाव किया है।