कल्याण। दुनिया में सुख-दुख की धूप-छाँव हमेशा रही है और रहेगी। इसका मतलब यह नहीं कि आदमी अपनी मर्यादा-प्रतिष्ठा भूलकर खुद को ही दांव पर लगा दे। अब भला बताइए, तहसीलदार जैसे ओहदे वाले व्यक्ति को ऐसी क्या आफत आ गई थी कि उसने सवा लाख रुपए की घूस के लिए खुद को ही खो दिया। दीपक आकडे (45) नामक इस कल्याण के तहसीलदार और उसके प्यून बाबू हरड (42) को ठाणे एंटी करप्शन ब्यूरो ने 1 लाख 20 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा है। यह घूस कल्याण-मुरबाड़ रोड पर मौजूद वरप गाँव में एक भूखंड के विवाद का निपटारा करने के ऐवज में मांगी गई थी।
निर्लज्जता की हद पार
निर्लज्जता की बात तो यह है कि वे सोमवार की दोपहर तहसीलदार ऑफिस में ही यह गलत काम कर रहे थे। प्रशासनिक सेवा के क्लास वन अफसर के इस तरह अपने ऑफिस में ही घूस लेते रंगे हाथ पकड़े जाने से प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई है।
तहसीलदार ऑफिस में ट्रैप लगा की कार्रवाई
शिकायतकर्ता ने ब्यूरो को इस संबंध में सूचित किया था। लिहाजा, यह कार्रवाई तहसीलदार कार्यालय में ट्रैप लगाकर की गई। दोनों को आगे की कार्रवाई के लिए महात्मा फुले पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है। ब्यूरो के मुताबिक शिकायतकर्ता निर्माणकार्य कारोबारी है। वरप गांव में एक जमीन को लेकर उनकी तहसीलदार दीपक आकडे के समक्ष सुनवाई चल रही थी। तहसीलदार आकडे ने सिलसिले में 26 अगस्त को प्यून मनोहर उर्फ बाबू के जरिए उससे अपने लिए एक लाख और बाबू के लिए 20 हजार रुपये की मांग की थी।