मुंबई। सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण बचाने में असफल हुई महाराष्ट्र की तीन दलों वाली सरकार अब मराठा समाज की नाराजगी से बचने के लिए आरक्षण के लिए होने वाले आंदोलन में शामिल होगी। बुधवार को कोल्हापुर से मराठा समाज मूक आंदोलन शुरु करने जा रहा है। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि सरकार के मंत्री व सत्ताधारी दल के विधायक भी इस आंदोलन में भाग लेंगे। मराठा आरक्षण रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सकल मराठा समाज आरक्षण बहाली के लिए एक बार मूक आंदोलन करेगा। भाजपा सांसद छत्रपति संभाजी राजे के नेतृत्व में मूक आंदोलन की शुरुआत बुधवार को कोल्हापुर से होगी। वे कोल्हापुर में छत्रपति साहू महाराज के समाधि स्थल से मूक आंदोलन की शुरुआत करेंगे। पुणे में पत्रकारों से बातचीत में अजीत ने कहा कि सकल मराठा समाज के मूक आंदोलन में प्रदेश के गृह राज्य मंत्री तथा कोल्हापुर के पालक मंत्री सतेज पाटील, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ और विधायक शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पालक मंत्री सतेज पाटील मराठा आरक्षण पर भूमिका व्यक्त करेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के कारण संभाजी राजे से मूक आंदोलन करने के बजाय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा करने लिए आग्रह किया गया था लेकिन वे मूक आंदोलन करने के पक्ष में हैं। संभाजी राजे के मराठा आरक्षण पर विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत 5 जुलाई से होगी। इस अधिवेशन में सभी दलों की सहमति से मराठा आरक्षण पर चर्चा की जा सकेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया है। मराठा आरक्षण बहाली के लिए अब सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और केंद्र सरकार के पास कानून में संशोधन का विकल्प है। इसको लेकर हम लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। हमें प्रधानमंत्री के फैसले का इंतजार है।
सीएम बनने के लिए कांग्रेस को चाहिए 145 विधायक
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के मुख्यमंत्री बनने की चाहत जातने के सवाल पर उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को इच्छा व्यक्त करने का अधिकार है। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के लिए विधानसभा में 145 विधायकों का बहुमत चाहिए। जो यह आकड़ा हासिल करेगा वह मुख्यमंत्री बनेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में ही सरकार पांच साल काम करेगी।