‘गुमशुदा’ निकला कत्लशुदा, किसका-कब किसने और कैसे किया यह कांड, जानें

‘गुमशुदा’ निकला कत्लशुदा, किसका-कब किसने और कैसे किया यह कांड, जानें

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मुंबई। करीब दो माह से ‘गुमशुदा’ एक युवक को पुलिस ने आखिरकार ढूंढ़ निकाला है। उसका पता चल गया है और वह निकला है कत्लशुदा। जी हां, उस शख्स का खून कर दिया गया है। किसी और ने नहीं, बल्कि इस व्यक्ति के कत्ल को अंजाम दिया है खुद उसकी पत्नी ने, अपने सगे भाई-बहनों और उनके दोस्तों के संग मिलकर। पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस प्रकरण में गुनहगार 21 वर्षीय महिला समेत 7 अभियुक्तों को कुर्ला से गिरफ्तार किया है। मृतक की पत्नी के अलावा बाकी गुनहगारों में उसकी बहन, दो भाई और उनके तीन दोस्तों का समावेश है।

लाश को एयरपोर्ट के पास दफनाया: मृतक युवक का नाम है दीपक सांगले। गुनहगारों में उसकी पत्नी सरस्वती, साली मनीषा आचरे, साले आदित्य व आनंद और उनके दोस्त विशाल दराडे, किशोर साहू व कार्तिक विश्वकर्मा शामिल हैं। सभी अभियुक्तों को अदालत में पेश किए जाने के बाद 30 अगस्त तक के लिए पुलिस रिमांड में भेजा गया है।  गुनहगारों ने युवक की हत्या कर उसकी लाश को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास दफना दिया था, ताकि उनकी इस करतूत का पुलिंदा उजागर न हो सके।
वह भी था क्रिमिनल: क्राइम ब्रांच यूनिट – 5 के पुलिस इंस्पेक्टर घनश्याम नायर के मुताबिक कुर्ला के क्रांतिनगर परिसर का निवासी दीपक भी असल में अपराधी प्रवृत्ति का था।  उसके खिलाफ पुलिस के पास कई मामले दर्ज थे। इलाके में उसका दबदबा था। बात-बात में वह पत्नी और नाते-रिश्तेदारों-दोस्तों से भी मारपीट किया करता, उन्हें धमकाया करता था। जून महीने में उसकी बहन संगीता ने स्थानीय विनोबा भावे नगर पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
आजिज आ गए थे उससे सब: मामले की तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि दीपक के उसकी पत्नी और ससुराल वालों से संबंध ठीक नहीं थे। लिहाजा, दीपक के करीबी लोगों से इस बाबत दरियाफ्त की गई। प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस के हाथ कुछ जानकारी नहीं लगी। संदेह के आधार पर दीपक की पत्नी से जब इस बारे में सख्ती से पूछताछ की गई, तो वह अंततः टूट गई और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि दीपक उसे अकसर पीटता-परेशान किया करता तथा  झूठे मामले में फंसा देने की धमकी दिया करता था। इससे आजिज आकर आखिरकार उसने दूसरों की मदद से उसकी ह्त्या करने का विचार बनाया।  सरस्वती ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उसने साहू और दराडे दोनों को अपनी इस साजिश में शामिल किया। चूंकि वे भी कुछेक बार दीपक की बदमिजाजी का शिकार हो चुके थे, इसलिए फौरन राजी हो गए।
सबूत मिटाने की जुगाड़: साजिश के मुताबिक उन्होंने दीपक पर धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी और सबूत नष्ट करने के इरादे से शव को घर से 50 से 60 मीटर की दूरी पर क्रांतिनगर इलाके में  ही दफना दिया था, जो इंटरनेशनल एयरपोर्ट के समीप है। इस प्रकरण के जांच कार्य को असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर अमोल माली, जयदीप जाधव, यरकर व अन्य कर्मियों की टीम ने अंजाम दिया।

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