प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के काटेझरी गांव की एक प्रेरणादायक कहानी साझा की, जहां आजादी के 77 साल बाद पहली बार कोई सरकारी बस पहुंची। यह ऐतिहासिक पल गांववासियों के लिए खुशी और आशा की नई किरण लेकर आया।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा, “मैं आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताना चाहता हूं, जहां पहली बार एक बस पहुंची। जब गांव में पहली बार बस पहुंची तो लोगों ने ढोल-नगाड़े बजाकर उसका स्वागत किया। बस को देखकर लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था।” उन्होंने बताया कि काटेझरी में पहले से पक्की सड़कें थीं और लोगों को बस सेवा की ज़रूरत भी थी, लेकिन यह गांव माओवादी हिंसा से प्रभावित था, जिसके कारण अब तक कोई बस वहां नहीं चल पाई थी।
प्रधानमंत्री ने बताया कि अब हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं और माओवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयासों के चलते ऐसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी बुनियादी सुविधाएं पहुंचने लगी हैं। “काटेझरी में आए इस परिवर्तन को आसपास के पूरे क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है,” उन्होंने कहा।
जानकारी के अनुसार, इस गांव में 20 मई को पहली बार सरकारी बस सेवा शुरू हुई। इस पहल से न सिर्फ काटेझरी के लोगों को यातायात की सुविधा मिलेगी, बल्कि यह उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन को भी बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। गांव के लोगों ने बताया कि बस सेवा शुरू होने से अब बच्चों की शिक्षा, बुजुर्गों की चिकित्सा और ग्रामीणों की रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करना आसान हो जाएगा।
केंद्र सरकार ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों जैसे छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार और महाराष्ट्र में माओवादी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य विशेष बल मिलकर इन क्षेत्रों में संयुक्त अभियान चला रहे हैं।
काटेझरी की यह कहानी दर्शाती है कि कैसे सामूहिक प्रयासों और मजबूत इच्छाशक्ति के माध्यम से बदलाव संभव है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल को देश के विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण बताया और आशा जताई कि भविष्य में और भी ऐसे बदलाव दूरदराज के इलाकों में देखने को मिलेंगे।
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