प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया कार सेल्फी अब अमेरिकी कांग्रेस तक पहुँच गई है। यह तस्वीर एक पोस्टर के रूप में कांग्रेसवुमन सिडनी कामलागर-डोव ने विदेश नीति पर आयोजित सुनवाई में उठाई, और चेतावनी दी कि वाशिंगटन की मौजूदा नीतियाँ भारत को मॉस्को के और करीब धकेल रही हैं।
कामलागर-डोव ने कहा कि यह स्थिति अमेरिका-भारत साझेदारी के लिए गंभीर चेतावनी है और यह नुकसान किसी और ने नहीं, बल्कि खुद अमेरिकी प्रशासन ने पहुंचाया है। सुनवाई के दौरान पोस्टर की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “ट्रंप की भारत नीति ऐसी है जैसे खुद का नाक काटकर खुद को ही नुकसान पहुंचाना।” उन्होंने आरोप लगाया कि दबाव की रणनीति ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक भरोसे को हिला दिया है।
सांसद ने कहा, “यह पोस्टर हजार शब्दों के बराबर है। आप अपने रणनीतिक साझेदारों को प्रतिद्वंद्वियों की ओर धकेलकर नोबेल शांति पुरस्कार नहीं पाते।” उन्होंने चेताया कि अमेरिका का ज़बरदस्ती करने वाला रवैया भारी कीमत वसूल सकता है। उनके अनुसार, “कांग्रेस के दोनों दल समझते हैं कि दांव कितना बड़ा है, और हमें तत्काल कदम उठाने होंगे ताकि भारत-अमेरिका संबंधों को वापस मजबूत सहयोग की ओर लौटाया जा सके।”
रूसी राष्ट्रपति पुतिन पिछले सप्ताह दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुँचे थे। पालम एयरपोर्ट पर शाम करीब 7 बजे उनका रेड कार्पेट स्वागत हुआ, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें गले लगाकर स्वागत किया।
इसके बाद दोनों नेता एक ही कार में लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास के लिए रवाना हुए, जहाँ निजी डिनर आयोजित था। यह दृश्य सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चर्चा में रहा और दोनों नेताओं की निजी गर्मजोशी का प्रमाण माना गया। पुतिन ने भारत टुडे को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, “PM मोदी के साथ कार राइड मेरा ही विचार था। यह हमारी दोस्ती का प्रतीक था।”
यह पहली बार नहीं है जब दोनों नेता एक कार में देखे गए हों। इससे पहले SCO समिट के दौरान भी वे रूस में बनी ऑरस सेडान में साथ सफर कर चुके हैं। कामलागर-डोव ने कहा कि भारत को कोने में धकेलना या मजबूर करने वाली नीतियाँ उलटा अमेरिका के ही हितों के खिलाफ जाएँगी। उन्होंने कहा कि यह क्षण वाशिंगटन के लिए चेतावनी की घंटी है। भारत को प्रतिद्वंद्वियों की ओर धकेलना दीर्घकालिक सामरिक नुकसान पहुंचा सकता है।
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