मुंबई में प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने साफ किया है कि यदि शहर के कुछ इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) लगातार तीन दिनों तक 200 से ऊपर रहता है, तो ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा और सबसे कड़ा चरण लागू कर दिया जाएगा। GRAP-IV के तहत निर्माण कार्यों पर रोक सहित कई सख्त कदम शामिल हैं, क्योंकि निर्माण को इस समय प्रदूषण का बड़ा कारण माना जा रहा है।
सोमवार(1 दिसंबर) सुबह शहर की हवा में सुधार देखने को मिला और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार मुंबई का AQI 111 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘मॉडरेट’ श्रेणी में आता है। शहर के अधिकांश 30 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने ‘सैटिस्फैक्टरी’ से ‘मॉडरेट’ रेंज के बीच AQI दर्ज किया। रविवार को औसत AQI 104 था। हालांकि बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में कुछ समय के लिए हवा ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुंच गई थी। पिछले सप्ताह से ही शहर में हल्की धुंध और धुंधलापन दर्ज हो रहा है।
CPCB मानकों के अनुसार AQI 0-50 ‘गुड’, 51-100 ‘सैटिस्फैक्टरी’, 101-200 ‘मॉडरेट’, 201-300 ‘पुअर’, 301-400 ‘वेरी पुअर’ और 401-500 ‘सीवियर’ श्रेणी में आता है। हाल के दिनों में शहर के मझगांव क्षेत्र में AQI दो बार 305 पर पहुंचा, जो ‘पुअर’ श्रेणी में माना जाता है। 11 नवंबर और 24 नवंबर को यहां हवा की गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई। मझगांव में बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण और विकास कार्यों को इस स्थिति का कारण बताया जा रहा है।
मुंबई और उसके आसपास के उपनगरों में मेट्रो रेल, सड़क निर्माण, पुलों और आवासीय परियोजनाओं सहित बड़े शहरी विकास कार्य जारी हैं। स्लम व पुराने औद्योगिक इलाकों के पुनर्विकास के चलते प्रदूषण का बोझ भी बढ़ा है।
BMC आयुक्त भूषण गगरानी ने बताया कि शहर के अस्पतालों में खांसी और सांस संबंधी समस्याओं के मामलों में वृद्धि की शिकायतें आई हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें पानी का छिड़काव विशेष रूप से उन इलाकों में शामिल है जहां AQI ऊंचा दर्ज हो रहा है। प्रदूषण फैलाने वाली निर्माण साइटों और उद्योगों को भी निर्देश जारी किए गए हैं।
सामान्य क्षेत्रों जैसे सड़कें और फुटपाथों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाएगा ताकि हवा में मौजूद धूल-कण नीचे बैठ सकें। पिछले सप्ताह से BMC द्वारा कई प्रदूषणकारी निर्माण और औद्योगिक स्थलों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
15 अक्टूबर 2024 को जारी BMC के दिशानिर्देशों के अनुसार निर्माण स्थलों पर टिन शेड बैरिकेडिंग, ग्रीन कपड़ा कवर, ध्वस्तीकरण के दौरान पानी का छिड़काव, मलबे का वैज्ञानिक संग्रह, लोडिंग-अनलोडिंग के समय वॉटर फॉगिंग और एयर-क्वॉलिटी मॉनिटरिंग व डस्ट-एक्सट्रैक्शन सिस्टम लगाना अनिवार्य है।
पिछले वर्ष, BMC ने बोरीवली और भायखला में GRAP-IV के कई प्रावधान लागू किए थे, जिसके तहत खराब हवा के चलते कुछ क्षेत्रों में निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई थी।
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