मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना मरीजों के आकडों में आई अचानक कमी से देश विदेश में मुंबई मनपा यानी बीएमसी की तारीफ हो रही है। पर अब यह खुलासा हुआ है कि दरअसल यह आकड़ों की हेराफेरी का खेल है। विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री ने बीएमसी के आकड़ों की चिरफाड़ करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर इस हेराफेरी का खुलासा किया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी बीएमसी के दावों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा है कि टेस्ट में हेराफेरी कर कम मरीज दिखाए जा रहे हैं। पर वास्तविक स्थिति छुपाने से कोरोना के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी।
भाजपा नेता ने कहा जब पूरे महाराष्ट्र में कोरोना की मृत्यु दर 0.8 थी उस वक्त मुंबई में कोरोना मृत्यु दर 12 फीसदी थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई मनपा टेस्ट में कमी कर संक्रमितों की संख्या में कमी का दावा कर रही है। दूसरी ओर भाजपा विधायक अमित साटम ने भी कोरोना नियंत्रण को लेकर किए गए ठोस उपायों के चलते देश भर में सुर्खियां बटोरने वाली मुंबई महानगपालिका (बीएमसी) और उसके आयुक्त इकबाल सिंह चहल के दावों पर पर सवाल उठाए हैं। श्री साटम ने इस बारे में मनपा आयुक्त को पत्र लिखा है। साटम ने दावा किया है कि लॉकडाउन से पहले यानी 1 अप्रैल 2021 से 13 अप्रैल 2021 के बीच रोजाना कोरोना के चलते औसतन 31 लोगों की मौत हुई है। इस अवधि में कुल 616334 जांच हुई। यानी रोजाना 47410 टेस्ट हुए। जिसमें कुल 120387 कोरोना मरीज मिले। जबकि मरीजों का रोजना आकड़ा 9260 रहा। इस दौरान कुल 402 लोगों की मौत हुई।
प्रतिदिन 31 लोगों की मृत्यु हुई। साटम ने मुताबिक इसी तरह लॉक डाउन के बाद 14 अप्रैल 2021 से 6 मई 2021 के बीच रोजाना अनुमानित 67 लोगों की मौत हुई हैं। इस अवधि में कुल 909180 जांच की गई है। यानी रोजाना 39529 जांच। जिसमें कुल 1, 32, 849 कोरोना के मरीज मिले हैं। प्रतिदिन 5776 मरीज मिले हैं और कुल 532 लोगों की मौत हुई है। प्रतिदिन औसतन 67 लोगों की मौत हुई है। इस लिहाज से रोजाना मौत का आंकड़ा दोगुना हो गया है। ऐसे में कोरोना नियंत्रण के संबंध में मनपा आयुक्त का स्वयं की पीठ थपथपाने व कोरोना पर काबू पाने बारे में झूठा चित्र पेश करना हैरानीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मनपा आयुक्त कोरोना के बारे में लोगों को गुमराह कर रहे हैं और वाहवाही लूट रहे हैं। इसके साथ ही वे विश्व भर में यह दिखाने की कोशिश कर रहे है कि मुंबई में चमत्कारिक काम हुआ है। जो सही नहीं है। कोरोना के चलते बढ़ रहे मौत के आकड़ो का विश्लेषण कर कोरोना नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।