मुंबई। मुंबई के भूमिपुत्र माने जाने वाले कोली-आगरी समाज के लोगों को मुंबई से बेदखल कर उनकी रोजी-रोटी से जुड़े पारंपरिक कारोबार को भी सरकारी तौर पर बाधित करने का पुरजोर प्रयास बीते दिनों हुआ था। लेकिन इन मेहनतकश-जुझारू मछुआरों ने भी हार नहीं मानी और अंततः सरकार को उनकी आक्रामकता के आगे झुकना पड़ा।
यह था क्रॉफर्ड मार्केट का फिश मार्केट
इस फिश मार्केट को नवी मुंबई के ऐरोली टोल नाके पर कुछ दिनों के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था, पर अब यह अपनी पुरानी जगह लौट आया है। मुंबई के क्रॉफर्ड मार्केट में फिश मार्केट के निर्माण के लिए वहां के मछली विक्रेताओं को ऐरोली के पुराने टोल बूथ पर जमीन का प्लॉट दिया गया था, जिसका उन्होंने जोरदार विरोध किया था।
समाज के MLA ने दी थी आंदोलन की चेतावनी
ऐरोली से यह फिश मार्केट अपने मूल स्थान पर लौटने के बाद इन मछुआरों ने अब राहत की सांस ली है। इस फिश मार्केट से नवी मुंबई, ठाणे, भांडुप, नाहूर, कांजुरमार्ग और उसके आसपास के सभी मछुआरों के व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। इसलिए, मुंबई के इस फिश मार्केट को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। कोली महासंघ के अध्यक्ष एवं विधायक रमेश पाटिल ने भी इस संबंध में आंदोलन की चेतावनी दी थी।
अवैध विक्रेता बने हैं नासूर
खास बात यह है कि ऐरोली फिश में कुछ अवैध विक्रेताओं ने भी मछली बेचने का धंधा शुरू कर दिया था। इसके अलावा, इससे क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की समस्या भी पैदा हो गई थी, गंदगी का साम्राज्य पसर गया था। इसलिए, नवी मुंबई, ठाणे, कांजुरमार्ग, भांडुप और नाहूर की महिला मछुआरनों ने विधायक रमेश पाटिल से इस मार्केट को पुनः मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की थी।
लौट आया मार्केट मुंबई
मछली बाजार को तुरंत मुंबई वापस स्थानांतरित करने के लिए आंदोलन का संकेत दिया गया था। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने इसका समाधान निकालने के लिए बैठक बुलाकर कहा था कि आंदोलन नहीं होना चाहिए। इसी दरमियान मुंबई के पुलिस उपायुक्त (जोन 7) और मनपा अधिकारियों के साथ बैठक की गई। बैठक में बताया गया कि बाजार को अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है और उसे 15 दिनों के भीतर वापस मुंबई स्थानांतरित करने का आश्वासन दिया गया था। इसी आश्वासन को पूरा करते हुए यह फिश मार्केट शनिवार को वापस मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया।