मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर बेंच ने एक शादीशुदा महिला पर आई लव यू लिखकर उसके शरीर पर फेकने के मामले में सुनवाई की। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि, किसी शादीशुदा महिला के शरीर पर “आई लव यू” लिखकर या कोई लव लेटर फेंकना या कोई कविता शायरी लिखकर फेंकना अपराध मन जाएगा। कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसा करना छेड़खानी या यौन उत्पीड़न का के बनता है। बेंच महाराष्ट्र के अकोला जिले में 2011 हुई एक घटना की सुनवाई कर रही थी। यह हरकत 54 साल के एक पुरुष ने 45 साल की महिला के साथ की थी।
अकोला जिले में साल 2011 की इस घटना पर नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। 45 साल की महिला का उत्पीड़न कर उन्हें धमकी देने का आरोप एक 54 साल के पुरुष पर था। पीड़ित महिला विवाहित है। उनका एक बेटा है। आरोपी ने पीड़िता को एक लव लेटर दिया था। पीड़िता ने वह लव लेटर लेने से इनकार कर दिया था। विवाहिता द्वारा नकारे जाने के बाद आरोपी ने लेटर उनके शरीर पर फेंका और उन्हें आई लव यू कहा। साथ ही यह बात किसी से ना कहने की धमकी भी दी थी। इस प्रकरण में न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि एक विवाहिता स्त्री के शरीर पर प्रेम की अभिव्यक्ति करने वाली कविता या शायरी लिखी हुई चिट्ठी फेंकना यौन उत्पीड़न और छेड़खानी है। इस प्रकरण में पहले अकोला के सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी पर केस दर्ज किया।
प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी न्यायालय ने आरोपी को 2 साल की कैद और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। इस निर्णय को आरोपी ने उच्च न्यायालय मेंचुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने भी आरोपी को दोषी ठहराया। न्यायालय ने कहा, ‘ किसी औरत की इज़्ज़त ही उसका सबसे बड़ा गहना है। किसी महिला की इज्जत से खिलवाड़ या उत्पीड़न हुआ है, यह कब माना जाए, इसकी कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं दी जा सकती है। यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है। लेकिन एक 45 साल की शादीशुदा महिला के शरीर पर प्रेम की अभिव्यक्ति करने वाली कविता लिखा हुआ पत्र फेंकना यौन उत्पीड़न और छेड़खानी का मामला है।’