धुले जिले की सत्र अदालत ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को अगस्त 2021 में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित तौर पर ‘‘मानहानिकारक’’ और ‘‘घृणास्पद’’ बयान देने संबंधी एक मामले में मंगलवार को अग्रिम जमानत दे दी। राणे की अग्रिम जमानत याचिका को धुले सत्र अदालत के प्रधान जिला न्यायाधीश आर. एच. मोहम्मद ने 15,000 रुपये के मुचलके पर स्वीकार कर लिया।
अदालत ने राणे को पुलिस द्वारा बुलाये जाने पर उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। धुले शहर की पुलिस ने शिवसेना कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर राणे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप, दावे), 500 (मानहानि के लिए सजा), और 505 (सार्वजनिक तौर पर शरारत वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया था।
शिकायत के अनुसार, राणे ने अगस्त 2021 में रायगढ़ जिले के महाड में ठाकरे के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया था। केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश अधिवक्ता अनिकेत निकम ने कहा कि राणे के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (बी) के तहत अपराध नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने के लिए किसी विशेष समूह या वर्ग के खिलाफ बयान नहीं दिया गया था। विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं हो सका है।
गौरतलब है कि राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। राणे ने रायगढ़ जिले में ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कथित तौर पर कहा था, ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’ राणे को उनके इस विवादास्पद बयान के लिए 24 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।
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