बांबे हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की उस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने का अनुरोध किया है। मलिक तीन मार्च तक ईडी की हिरासत में है। मलिक ने सोमवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया कि उनकी गिरफ्तारी ‘‘अवैध’’ है और तत्काल रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया था। अदालत को सूचित किया गया कि आपराधिक याचिकाओं पर सुनवाई के लिए नामित न्यायमूर्ति पी बी वराले और न्यायमूर्ति एस पी तावड़े की नियमित पीठ इस सप्ताह उपलब्ध नहीं होगी।
न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि उनकी पीठ भी बुधवार को उपलब्ध नहीं होगी। इसके बाद, न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि मामले को बुधवार को न्यायमूर्ति एस बी शुक्रे और न्यायमूर्ति जी ए सनप की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक ने सोमवार को उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मामले और एक विशेष अदालत द्वारा उन्हें ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश भी रद्द करने का अनुरोध किया मलिक ने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी ‘‘अवैध’’ है और उन्हें ‘‘केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुखर आलोचक’’ होने के कारण निशाना बनाया गया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह निशाना बनाए जाने वाले पहले व्यक्ति नहीं हैं और समूचे देश में इस तरह की चिंताजनक प्रवृत्ति दिख रही है, जहां सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। मलिक ने दावा किया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज प्राथमिकी में नामित किसी भी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ आरोपियों (दाऊद इब्राहिम और अन्य गैंगस्टर) से उनका कोई संबंध नहीं है।
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