मुंबई। हर आदमी का सपना होता है कि इस शहर में उसका भी एक आशियाना हो पर सपनों की इस नगरी में यह सपना पूरा होना इतना आसान भी नहीं। किसी तरह पैसों को इंतजाम भी हो गया को लूटरे बिल्डरों के चंगुल में फंस कर आप का अपने घर का सपना चकनाचूर हो सकता है। जैसा नवी मुंबई के एक दंपति के साथ हुआ। राहत की बात यह है कि उन्हें राज्य उपभोक्ता आयोग से राहत मिली है। आयोग ने 10 साल पहले बुक किए गए फ्लैट का पजेशन अभी तक न देने वाले बिल्डर पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
यह राशि इस दंपति को देने का आदेश दिया गया है। आयोग ने बिल्डर के कृत्य को सेवा में कमी व अनुचित व्यापार व्यवहार मानते हुए यह निर्देश दिया। दंपति ने नई मुंबई के ऐरोली में 10 साल पहले एक फ्लैट बुक किया था। बिल्डर इशादित एंटरप्राइजेज ने साल 2011 में फ्लैट सौंपने का वादा किया था। लेकिन जब तय समय पर फ्लैट नहीं मिला तो दंपति ने बिल्डर से संपर्क किया लेकिन बिल्डर फ्लैट देने को लेकर आनाकानी करता रहा। इसके बाद दंपति ने बिल्डर को नोटिस देकर साल 2017 में राज्य उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। नोटिस के बाद भी बिल्डर की ओर से आयोग में कोई नहीं आया। इसे देखते हुए आयोग ने एकतरफा सुनवाई की और दंपति के पक्ष में फैसला सुनाया। आयोग ने कहा कि इस मामले में बिल्डर का कृत्य सेवा की कमी के दायरे में आता है।