महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कोर्ट में एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के परिवार पर अपनी टिप्पणी के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया था कि वानखेड़े परिवार पर किसी तरह की टिप्पणी या ट्वीट नहीं करेंगे। बावजूद इसके उन्होंने टिप्पणी की। जिसके बाद, कोर्ट ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने पर क्यों न कार्रवाई की जाए।
अदालत ने कहा मलिक ने जानबूझकर अपने बयान का उल्लंघन किया और एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ टिप्पणी की। वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने मानहानि का अदालत में केस किया था।
नवाब मलिक ने कोर्ट में कहा, ” मैं अदालत को दिए गए मेरे वचन के उल्लंघनों के संबंध में माननीय अदालत से बिना शर्त माफी मांगता हूं, जैसा कि 25 नवंबर और 29 नवंबर, 2021 के आदेशों में दर्ज किया गया है।” मलिक ने आगे कहा, “मेरा उक्त आदेशों का अनादर, अनादर, अतिरेक या उल्लंघन करने का कोई इरादा नहीं था।” नवाब मलिक ने बताया कि उल्लंघन इसलिए हुआ क्योंकि ये मीडिया के सवालों के जवाब थे। उच्च न्यायालय ने मलिक से कहा कि जानबूझकर उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव के समक्ष सुनवाई हुई।
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