“हमें ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए जो गंगा आरती करता हो …” 

न्यूज़ डंका " का मोदी -3 विशेष दशहरा दीपावली अंक विमोचन  

“हमें ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए जो गंगा आरती करता हो …” 

न्यूज़ पोर्टल “न्यूज़ डंका ” का मोदी -3 विशेष दशहरा दीपावली अंक बुधवार को विमोचित किया गया। यह कार्यक्रम दादर स्थित स्वतंत्रता वीर सावरकर स्मारक में आयोजित किया गया था। इस मौके पर बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर, “प्रतिपक्ष” के भाऊ तोरसेकर और एनालाइजर के सुशील कुलकर्णी  मौजूद थे। इस अवसर पर “न्यूज़ डंका ” के मुख्य संपादक दिनेश कानजी ने अपने विचार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि 12 जनवरी 2020 को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर  “न्यूज़ डंका” को लांच किया गया।  जिसकी टैग लाइन  “राष्ट्रवाद की बुलंद आवाज” है। इसके बाद “न्यूज़ डंका” दिवाली अंक “सुशासन पर्व ” के नाम से प्रकाशित किया गया था। उन्होंने कहा कि यह अंक नरेंद्र मोदी के राजनीति करियर के 20 साल पूरा होने पर  जारी किया गया था। जबकि दूसरा अंक “अमृत काल” पर आधारित था। अब तीसरे साल में मोदी -3  में पीएम मोदी को लेकर निकाला गया है। न्यूज़ डंका के सम्पदाक ने कहा की तीनों अंकों को  पाठकों ने खूब सराहा।

इस दौरान, उन्होंने मोदी भक्त, और गोदी मीडिया पर जोरदार प्रकार किया। उन्होंने कहा कि आजकल किसी मुखपत्र का सम्पादक भी अपने आप को निष्पक्ष पत्रकार बताता है , जबकि उसने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के लिखा। उन्होंने निष्पक्ष पत्रकारिता पर तंज कसते हुए कहा कि जिस तरह से राज्य में प्रगतिशील शब्द बदनाम है उसी तरह से निष्पक्ष पत्रकारिता भी बदनाम है। “न्यूज़ डंका” राष्ट्रवाद की आवाज को बुलंद करने की एक कोशिश है। यह निष्पक्ष पत्रकारिता को बाजू में रखकर यह कोशिश है।

उन्होंने आगे कहा कि हमें ऐसा प्रधानमंत्री नहीं चाहिए जो चीन का पक्षधर हो, हमें ऐसा प्रधानमंत्री नहीं चाहिए  जो विदेशी धरती पर भारत की बदनामी करता हो ,हमें ऐसा प्रधानमंत्री नहीं चाहिए  जो ब्रिटेन जाकर यह कहता हो कि भारत एक राष्ट्र नहीं है, भारत राज्यों का संघ है। हमें ऐसा प्रधानमंत्री नहीं चाहिए जो सर विश्वेश्वरैया का ठीक तरह नाम न ले सके।मगर हमेआया प्रधानमंत्री चाहिए जो गंगा आरती करता है।  हमें ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए जो बांग्लादेश जाकर ढाकेश्वरी  मंदिर में मत्था टेकता हो, जापान के प्रधानमंत्री को भागवत गीता देते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि हमें ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए जो  कोरोना काल में 80 करोड़ लोगों के बारे में सोचता हो।

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