शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के राज्य सदस्य संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भले ही महा विकास आघाड़ी का हिस्सा है, लेकिन वह विनायक दामोदर सावरकर के सम्मान और हिंदुत्व जैसे प्रमुख वैचारिक मुद्दों से समझौता नहीं कर सकती। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी मतभेदों के बावजूद लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में थी और तत्कालीन गठबंधन ने सुचारू रूप से काम किया।
राऊत ने एक समाचार चैनल के साक्षात्कार में कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर शिवसेना समझौता नहीं कर सकती। इसमें वीर सावरकर (का मुद्दा) और हिंदुत्व शामिल है। हमारी पार्टी का गठन एक विचारधारा के साथ हुआ है और हम इसे नहीं छोड़ रहे।’’ पिछले हफ्ते कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सावरकर पर आलोचनात्मक टिप्पणी के बाद शिवसेना बचाव की मुद्रा में आ गई थी। राउत ने चेतावनी दी थी कि सावरकर के बारे में इस तरह की टिप्पणी से शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के आघाडी गठबंधन में दरार आ सकती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन लंबे समय तक टिक पाएगा, राऊत ने कहा कि अगर देश को इसकी जरूरत है, तो ऐसा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर लोकतंत्र, स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा करनी है तो हमें अपने मतभेदों को भुलाकर साथ आना होगा।’’ छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की कथित टिप्पणी से उपजे विवाद पर राऊत ने कहा कि राज्य भर से मांग उठी है कि कोश्यारी को उनके पद से हटाया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा हमसे पूछती है कि हम सावरकर के बारे में ऐसी बातें कैसे बर्दाश्त करते हैं और जब हम पूछते हैं कि आपके राज्यपाल छत्रपति शिवाजी के खिलाफ कैसी बातें बोलते हैं, तो उनके (भाजपा) पास कोई जवाब नहीं होता है।’’
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