श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार (14 नवंबर) देर रात भीषण विस्फोट पूरे इलाके को दहला गया। अधिकारियों के अनुसार यह धमाका फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले में जब्त की गई बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री से नमूने निकाले जा रहे थे उस समय हुआ। इस आकस्मिक विस्फोट ने न केवल पुलिस स्टेशन को खंडहर में बदल दिया बल्कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों और सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि धमाका इतना तीव्र था कि लपटें और धुआं कई मीटर ऊंचाई तक उठते दिखाई दिए। शुरुआती जानकारी के मुताबिक कम-से-कम 9 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हैं। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई घायलों की हालत गंभीर है और कुछ लोग अब भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। जांचकर्ताओं ने बताया कि धमाके का असर इतना व्यापक था कि शरीर के अवशेष 300 फीट तक बिखरे मिले।
BREAKING: Massive bomb blast at Nowgam police station in J&K.
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— Treeni (@TheTreeni) November 14, 2025
धमाके के तुरंत बाद पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े शैडो ग्रुप PAFF ने इसकी जिम्मेदारी लेने का दावा किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए इसे अनावश्यक अटकल बताया।
डीजीपी ने कहा, “पीएस नौगाम की एफआईआर 162/2025 की जांच के दौरान, 9 और 10 नवंबर, 2025 को फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, रसायन और रीजेंट भी बरामद किए गए थे। यह बरामदगी, हमारे द्वारा की गई बाकी बरामदगी की तरह, पुलिस स्टेशन नौगाम के खुले क्षेत्र में सुरक्षित रूप से ले जाई गई और रखी गई थी। निर्धारित प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, बरामदगी के नमूनों को आगे फोरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा जाना था। बरामदगी की विशाल प्रकृति के कारण, यह प्रक्रिया पिछले 2 दिनों से चल रही थी, जिसका अर्थ है कल और परसों, एफएसएल टीम द्वारा। बरामदगी की अस्थिर और संवेदनशील प्रकृति के कारण, नमूना लेने की प्रक्रिया और हैंडलिंग एफएसएल टीम द्वारा अत्यंत सावधानी के साथ की जा रही थी। हालांकि, दुर्भाग्य से, इस दौरान, कल रात लगभग 11.20 बजे, एक आकस्मिक विस्फोट हुआ एसआईए का एक कर्मी, एफएसएल टीम के 3 कर्मी, क्राइम सीन के 2 फ़ोटोग्राफ़र, मजिस्ट्रेट की टीम में शामिल 2 राजस्व अधिकारी और टीम से जुड़ा 1 दर्जी घायल हो गए। इसके अलावा, आस-पास के इलाकों के 27 पुलिसकर्मी, 2 राजस्व अधिकारी और 3 नागरिक घायल हुए हैं, जिन्हें तुरंत नज़दीकी अस्पताल पहुँचाया गया… पुलिस स्टेशन की इमारत को बहुत नुकसान पहुँचा है और आस-पास की इमारतें भी प्रभावित हुई हैं। इस नुकसान की सीमा का पता लगाया जा रहा है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की जाँच की जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस इस दुख की घड़ी में मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है…”
#WATCH | Blast near Nowgam Police Station in J&K last night | Srinagar | J&K DGP Nalin Prabhat says, "During the investigation in FIR 162 of 2025 of PS Nowgam, a huge quantity of explosive substances, chemicals and regents were also recovered from Faridabad on 9th and 10th of… pic.twitter.com/Xs55Nve64t
— ANI (@ANI) November 15, 2025
उन्होंने बताया कि मृतकों में स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के एक अधिकारी, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के तीन अधिकारी, क्राइम विंग के दो सदस्य, दो राजस्व अधिकारी और टीम के साथ जुड़े एक दर्जी शामिल हैं। इसके अलावा 27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व कर्मचारी और तीन नागरिक घायल हुए हैं। पुलिस स्टेशन की इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है, जबकि आसपास की कई संरचनाएं भी प्रभावित हुईं। नुकसान का विस्तृत आकलन अभी जारी है।
धमाके के बाद पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया और स्निफर डॉग्स की मदद से तलाशी अभियान चलाया गया। श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर अक्षय लब्रू ने अस्पताल जाकर घायलों का हाल-चाल लिया। यह वही 350 किलो विस्फोटक सामग्री थी, जो फरीदाबाद में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध डॉक्टर मुझम्मिल शकील गनई के किराए के घर से बरामद हुई थी।
इस बीच, हाल ही में दिल्ली के लाल किले के पास कार धमाके में 13 लोगों की मौत के बाद केंद्र और सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही हाई अलर्ट मोड में थीं। शुक्रवार शाम को ही डीजीपी ने पूरे केंद्रशासित प्रदेश में हाइब्रिड सुरक्षा समीक्षा की थी। पूरा मामला तब सामने आया जब अक्टूबर के मध्य में नोगाम में धमकी भरे पोस्टर लगे मिले। सीसीटीवी जांच के बाद तीन स्थानीय युवक आरिफ निशार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद को गिरफ्तार किया गया। ये तीनों पहले पत्थरबाज़ी के मामलों में भी बुक हो चुके थे।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि इनके पीछे मौलवी इरफ़ान अहमद का दिमाग था, जो पैरामेडिक से कट्टरपंथी प्रवचनकर्ता बन चुका था। इसी धागे ने जांच को फरीदाबाद की अल-फला विश्वविद्यालय तक पहुंचाया, जहां डॉक्टर मुझम्मिल गनई और डॉक्टर शहीन सईद को गिरफ्तार किया गया।
इनसे जुड़े कमरों से अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट, सल्फर समेत हजारों किलो केमिकल्स मिले। इसी दौरान लाल किले के पास कार में धमाका हुआ, जिसे चला रहा था डॉक्टर उमर नबी — जांच एजेंसी सूत्रों के मुताबिक केमिकल्स की बरामदगी ने आरोपी को घबरा दिया था और उसने ठिकाना बदलने की कोशिश की।
जांच में सामने आया कि पूरा मॉड्यूल मुख्यतः तीन डॉक्टर मुझम्मिल गनी , उमर नबी और मुजफ्फर राथर (जो फिलहाल फरार है) चला रहे थे। वहीं आठवां आरोपी अदील राठेर का भाई है उसे AK-56 राइफल के साथ गिरफ्तार किया गया।
नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए भीषण विस्फोट ने इस पूरे मॉड्यूल की गंभीरता और जब्त की गई सामग्री की घातक क्षमता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। जांच एजेंसियां अब हादसे के तकनीकी पहलुओं की पड़ताल कर रही हैं, जबकि सुरक्षा बल पूरे क्षेत्र में चौकसी बढ़ाए हुए हैं।
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