देशभर में वक्फ संपत्तियों को केंद्र सरकार द्वारा विकसित पोर्टल UMEED (Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development) पर अनिवार्य रूप से पंजीकृत करने की छह महीने की अंतिम तिथि 5 दिसंबर को समाप्त हो गई। हालांकि, जिन पांच राज्यों के पास सबसे अधिक वक्फ संपत्तियाँ हैं, उनमें से चार राज्यों में केवल एक-तिहाई से लेकर मात्र दस प्रतिशत तक संपत्तियों को ही पोर्टल पर अपलोड किया गया है। यह जानकारी दी इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में सामने आई है।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक वक्फ संपत्तियाँ हैं करीब 1.4 लाख, जो सुन्नी और शिया वक्फ बोर्डों के अंतर्गत आती हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल (80,480), पंजाब (75,511), तमिलनाडु (66,092) और कर्नाटक (65,242) का स्थान है। बिहार और उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों में संयुक्त वक्फ बोर्ड संचालित होते हैं।
3 दिसंबर की शाम तक देशभर में 3.42 लाख से अधिक संपत्तियाँ अपलोड की जा चुकी थीं। 4 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश में लगभग 35%, कर्नाटक में 10% (2 दिसंबर तक), तमिलनाडु में 10% (3 दिसंबर तक) और पंजाब में करीब 80% संपत्तियाँ पंजीकृत हुईं। पंजाब वक्फ बोर्ड द्वारा ‘संपत्ति’ की बजाय ‘वक्फ एस्टेट’ पंजीकरण को प्राथमिकता देने से प्रक्रिया आसान हो गई है। साथ ही, पंजाब में वक्फ एस्टेट्स का प्रबंधन सीधे बोर्ड द्वारा किया जाता है, न कि मुतवल्लियों द्वारा, जिससे पंजीकरण तेज हुआ।
दिलचस्प बात यह है कि TMC सरकार, जिसने महीनों तक वक्फ (संशोधन) अधिनियम का विरोध किया, उसने पिछले सप्ताह पोर्टल पर वक्फ विवरण अपलोड करने के निर्देश जारी किए। प्रदेश की 80,480 संपत्तियों में से केवल 10,000 (12%) ही 1 दिसंबर तक पंजीकृत हो सकीं।
इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने समय सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन को पत्र लिखा है। बोर्ड ने तकनीकी गड़बड़ियों का हवाला देते हुए तत्काल बैठक बुलाने का अनुरोध किया है।
AIMPLB प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने आरोप लगाया कि समय सीमा नजदीक आने पर मुतवल्ली बड़े पैमाने पर अपलोड कर रहे हैं, जिससे पोर्टल बार-बार क्रैश, स्लो या रुक रहा है। उन्होंने कहा, “लाखों वक्फ संपत्तियों का विवरण इतने कम समय में अपलोड करना लगभग असंभव है।”
हालाँकि, सरकारी अधिकारी ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा, “पिछले 100 घंटों में UMEED पोर्टल पर एक लाख से अधिक अपलोड सफलतापूर्वक हुए हैं। ऐसे में पोर्टल की क्षमता पर सवाल कैसे उठ सकते हैं?” अधिकारी ने यह भी जोड़ा कि शुरुआती चार महीनों में बहुत कम अपलोड हुए और अब अचानक आई भीड़ के कारण शिकायतें बढ़ी हैं, जो तकनीकी खामी से ज्यादा विलंबित कार्रवाई का परिणाम हैं।
केंद्र ने 3 जुलाई को Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development Rules, 2025 अधिसूचित किए थे। ये नियम वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के तहत बनाए गए हैं, जो 8 अप्रैल से लागू हैं और पोर्टल प्रबंधन, डेटाबेस, ऑडिट और खातों के रखरखाव से संबंधित प्रावधान तय करते हैं।
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