मुंबई। बांद्रा (पश्चिम) और कोलाबा विभाग में नए ठेकेदारों की नियुक्ति न किए जाने से बृहन्मुम्बई महानगर पालिका की जेब पर भारी बोझ पड़ा है। चक्रवाती तूफान तौकते के चलते बीते दिनों इन समुद्रतटीय इलाकों में बड़ी तादाद में पेड़ गिर गए थे। लेकिन ठेकेदार की नियुक्ति नहीं होने से पुराने ठेकेदार को काम करना पड़ा और बृहन्मुम्बई महानगर पालिका को उसे करीब 23 लाख 31 हजार रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा।
गिरे थे 850 पेड़: तौकते तूफान में मुंबई में 850 पेड़ गिरे थे और करीब 1,200 विशालकाय पेड़ों की शाखाएं टूट गई थीं। लेकिन कोलाबा व बांद्रा (पश्चिम) विभागों में ठेकेदारों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से ये सभी कार्य उन्हीं पुराने ठेकेदारों द्वारा कराए गए। कोलाबा जिस ठेकेदार के अधीन था, उसका कार्यकाल जून में ही समाप्त हो गया था। अभी कई कार्य पड़े हुए हैं।
मूल अनुबंध की तुलना में बढ़ी लागत: तूफान से नुकसान के चलते बृहन्मुम्बई महानगर पालिका के सही समय पर ठेकेदार नियुक्त नहीं किए जाने के कारण उसे पुराने ठेकेदार से किराए पर काम लेना पड़ा, इससे खर्च में कुछ प्रतिशत की वृद्धि हुई। कोलाबा में व्यय मूल अनुबंध मूल्य से 21 % ज्यादा रहा, जबकि बांद्रा (पश्चिम) में मूल अनुबंध की तुलना में लागत लगभग 10 % बढ़ गई।