32 C
Mumbai
Wednesday, December 10, 2025
होमन्यूज़ अपडेटपाकिस्तानी की गोलीबारी से ADC राज कुमार थापा की मौत पर महबूबा-उमर...

पाकिस्तानी की गोलीबारी से ADC राज कुमार थापा की मौत पर महबूबा-उमर ने जताया शोक!

थापा की मौत के साथ कई घर क्षतिग्रस्त हुए, सड़कें उखड़ गईं और नागरिक गाड़ियों को नुकसान हुआ। घरों की छतें और दीवारें गोलाबारी में ध्वस्त हो गईं, जो यह बताने को काफी हैं कि हमला कितनी गहराई तक किया गया।

Google News Follow

Related

जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले में शनिवार(10 मई) को पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलाबारी ने राज्य के प्रशासनिक ढांचे को हिलाकर रख दिया, जब इस हमले में अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त (ADC) राज कुमार थापा की मौके पर ही मौत हो गई। यह हमला न केवल भारत की संप्रभुता पर खुली चोट है, बल्कि यह दर्शाता है कि पाकिस्तान अब केवल सैन्य ठिकानों को नहीं, प्रत्यक्ष रूप से प्रशासनिक नेतृत्व को भी निशाना बना रहा है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान द्वारा बौखलाहट में किए गए जवाबी हमलों का यह ताजा उदाहरण है, जिसने न केवल राजौरी बल्कि पूरे जम्मू क्षेत्र में भय और त्रास का माहौल पैदा कर दिया है। थापा की मौत के साथ कई घर क्षतिग्रस्त हुए, सड़कें उखड़ गईं और नागरिक गाड़ियों को नुकसान हुआ। घरों की छतें और दीवारें गोलाबारी में ध्वस्त हो गईं, जो यह बताने को काफी हैं कि हमला कितनी गहराई तक किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा, “युद्ध हमेशा एक त्रासदी होती है, लेकिन यह और भी दुखद हो जाती है जब निर्दोष नागरिक और अधिकारी इसकी चपेट में आते हैं।” उन्होंने प्रतिशोध की राजनीति पर भी अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाते हुए इसे “कीमती जानों की बर्बादी” बताया।

वहीं, उमर अब्दुल्ला ने भी एक मार्मिक संदेश में लिखा,”हमने एक समर्पित अधिकारी को खो दिया। कल तक जो अधिकारी विकास कार्यों में लगे थे, आज वे पाकिस्तान की गोलीबारी के शिकार हो गए। शब्द नहीं हैं इस दुख को व्यक्त करने के लिए।”

राजौरी, पुंछ, जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में भारी गोलाबारी के बाद पूरे क्षेत्र में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। जम्मू विश्वविद्यालय सहित सभी उच्च शिक्षण संस्थान भी 12 मई तक बंद कर दिए गए हैं और स्थिति की समीक्षा के बाद आगे निर्णय होगा। बाजारों में सन्नाटा पसरा है, सड़कों पर मलबा और ध्वस्त वाहन खड़े हैं, और हजारों नागरिक पलायन कर चुके हैं।

श्रीनगर और अखनूर में हुए धमाकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब युद्ध केवल नियंत्रण रेखा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सीधा आम जनजीवन को निशाना बना रहा है। यह वक्त भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए आत्ममंथन का है कि पाकिस्तान को जवाब देने की सीमा क्या होनी चाहिए, और क्या बार-बार की गई ‘शांति की पेशकश’ एकतरफा आत्मसमर्पण की तरह नहीं लगने लगी है?

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,692फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें