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Sunday, November 24, 2024
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वीर सावरकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है: प्रवीण दीक्षित

वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष चुने गए प्रवीण दीक्षित

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स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष पद पर महाराष्ट्र पुलिस के पूर्व महानिदेशक आईपीएस प्रवीण दीक्षित विजयी हुए हैं। शनिवार को हुए मतदान में स्मारक के सदस्यों ने मतदान किया। इसमें कुल 139 मतदान पड़े, जिसमें से 137 मत प्रवीण दीक्षित को मिले। जबकि 2 मत उनके प्रतिद्वंदी उम्मीदवार दीपक तिलक को। स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद प्रवीण दीक्षित ने कहा कि, यह उनके लिए एक अविस्मरणीय क्षण है, उन्हें अपने 39 वर्ष की भारतीय पुलिस सेवा से सेवा निवृत्ति के पश्चात एक और जिम्मेदारी मिली है। इस पद पर चुने जाने के पश्चात अब उनका उद्देश्य स्मारक के सदस्यों के कार्यों को गति प्रदान करना और वीर सावरकर के कार्य, विचार और ग्रंथ संपदा को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने अपने चयन के लिए स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सभी सदस्यों के प्रति हृदय से धन्यवाद व्यक्त किया।

राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित  
प्रवीण दीक्षित भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1977 बैच के अधिकारी रहे हैं। उन्होंने 39 वर्ष तक पुलिस अधिकारी के रूप में राष्ट्र सेवा की। इस बीच उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस, विदेश में सेवा, राज्य आरक्षी दल (एसआरपी) के प्रमुख रहे। अनुशासन प्रिय, गंभीर स्वभाव और मृदु भाषी अधिकारी के रूप प्रवीण दीक्षित का कार्य सभी स्तर पर सराहा गया। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें राष्ट्रपति सम्मान से विभूषित किया गया। महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक पद पर सेवा देने के बाद उन्हें सेवा निवृत्ति मिली। इसके उपरांत वे महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के उपाध्यक्ष भी रहे। प्रशासनिक सेवाओं से निवृत्ति के पश्चात प्रवीण दीक्षित ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर के कार्यों को अपने समर्थन और सेवा से आगे ले जाने का निश्चय किया है। इसके लिए उन्होंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और उसमें सफलता प्राप्त की।

वर्तमान पदाधिकारी
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष पद पर प्रवीण दीक्षित के साथ कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे, कार्यवाह राजेंद्र वराडकर और सहकार्यवाह स्वप्निल सावरकर हैं। इस चुनाव में निवर्तमान अध्यक्ष अरुण जोशी ने भी प्रवीण दीक्षित को अपना समर्थन दिया था।

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