महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों द्वारा सदन की कार्यवाही बाधित करने के बाद राज्य विधान परिषद को मंगलवार को 20 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। एमएसआरटीसी के कर्मचारियों पिछले साल अक्टूबर से हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि एमएसआरटीसी को राज्य सरकार में मिला दिया जाए, जिससे उन्हें अन्य सरकारी कर्मचारी तरह बेहतर वेतन और नौकरी की सुरक्षा मिल सके। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि एमएसआरटीसी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान अभी तक नहीं हुआ है।
विपक्ष के नेता प्रविण दरेकर ने कहा, ”राज्य सरकार और कर्मचारियों द्वारा करीब 16 मांगों की एक सूची बनाई गयी थी और इस पर सहमति को लेकर 90 प्रतिशत कर्मचारी ड्यूटी पर फिर से लौटने के लिए तैयार थे। लेकिन, राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।” उन्होंने कहा, ”जब तक राज्य के परिवहन मंत्री इस मुद्दे को लेकर सदन में वक्तव्य नहीं देंगे। हम सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।”
इस दौरान हंगामा होने के कारण सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद विधान परिषद के अध्यक्ष रामराजे नाइक निंबालकर ने परिवहन मंत्री अनिल परब को एमएसआरटीसी की मांगों पर राज्य सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के परामर्श से कैबिनेट की बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया। इस पर परब ने कहा, ”मैं मुख्यमंत्री से सलाह मशविरा करूंगा और समिति की रिपोर्ट को मंजूरी देने के संबंध में उचित कदम उठाऊंगा।”
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