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Saturday, September 21, 2024
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भारत के लिए गर्व का क्षण है UN सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करना: भंडारी

9 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में "समुद्री सुरक्षा" विषय पर आयोजित चर्चा सत्र की अध्यक्षता करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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मुंबई। स्वतंत्र भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के इतिहास में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद विभूषित करने वाले हैं, यह संपूर्ण भारत के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण है। यह बात महाराष्ट्र भाजपा के उपाध्यक्ष माधव भंडारी ने कही।
 यह एक महत्वपूर्ण कदम: 9 अगस्त के दिन संयुक्त राष्ट्र संगठन के सुरक्षा परिषद में “समुद्री सुरक्षा” इस विषय पर अंतरराष्ट्रीय चर्चा सत्र का आयोजन किया गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चर्चा सत्र के अध्यक्ष है। सन 1945 में संयुक्त राष्ट्र संगठन की स्थापना के बाद और स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष का पद विभूषित करने वाले है। उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘ यह भारत के लिए वैश्विक सम्मान है और इससे भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव का दर्शन होता है और भारत पिछले कुछ सालों से सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए प्रयासरत है, इस दृष्टि से भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है, ऐसा भी भांडारी ने कहा है।
 नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिला भारत को सम्मान: ‘पिछले दो सालों में सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी मंडल का अध्यक्ष पद, G7 राष्ट्र के बैठक का निमंत्रण, क्वाड संगठन में महत्वपूर्ण स्थान और अब सुरक्षा परिषद में अध्यक्ष पद ऐसा बड़ा वैश्विक सम्मान भारत को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिला है’ इसका उल्लेख करके माधव भांडारी ने कहा है कि ‘अपनी स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का उत्सव मनाने की तैयारी पूरे देश में होते समय यह बहुमान भारत को मिलना इसका सांकेतिक महत्व है।’
भारत के लिए बड़ी सफलता: यह परिषद ‘समुद्री सुरक्षा’ पर आयोजित की गई है और अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस और चीन जैसे बड़े देशों के साथ अन्य दस सदस्य देश इस परिषद में सहभागी हैं।’यह परिषद चीन की उपस्थिति में ‘समुद्री सुरक्षा’ विषय को अंतरराष्ट्रीय चर्चा के लिए लाना यह भारत के लिए बड़ी सफलता है।’यह उल्लेख करते हुए माधव भांडारी ने कहा है कि, ‘चीन के साथ अपना और विश्व के अधिकांश देशों के साथ कही न कही संघर्ष शुरू है। अपने समुद्री सीमा की सुरक्षा व विश्व स्तर पर भारत के समुद्रों की सुरक्षा यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। केवल भारत ही नहीं बल्कि अन्य अनेक देश यह चीन के समुद्री आक्रमण को लेकर सचेत है, ऐसा होते हुए भी इस मुद्दे को वैश्विक चर्चा के लिए लाकर और उस पर वैश्विक सहमति लाने का प्रयास भारत इस अवसर पर कर रहा है। इन सभी घटनाओं का दूरगामी ऐतिहासिक महत्व है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व कुशलता का यह भाग देश की दृष्टि से कमाल का महत्व है और हम सब के लिए गौरव की बात है, यह भी भांडारी ने स्पष्ट किया है।

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