महंगाई से अमेरिका जैसे अमीर देशों तक के प्रभावित होने का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को इस बारे में अपराधबोध नहीं महसूस करना चाहिए। उन्होंने पुणे में कार्यकर्ताओं से यह बात कही। रक्षामंत्री ने कहा कि , ‘‘बढ़ती महंगाई के बारे में बहस जारी है…कोविड-19 महामारी के दौरान समूचा देश ठहर गया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था की हालत खराब नहीं होने दी और हमें इसकी सराहना करनी चाहिए।’’ सिंह ने कहा, ‘‘रूस-यूक्रेन संकट के चलते वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई है और आयात-निर्यात प्रभावित हुआ है।
’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस स्थिति में, यह स्पष्ट है कि इसका किसी भी देश पर प्रभाव पड़ेगा। आप यह जानकर हैरान होंगे कि अमेरिका, जो सबसे धनी देश है, वहां मुद्रास्फीति पिछले 40 वर्षों में अपने चरम पर है। हमें अपराधबोध नहीं महसूस करना चाहिए। ’’ उल्लेखनीय है कि भारत में खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में आठ साल के सर्वोच्च स्तर 7.8 पर पहुंच गई जबकि थोक मुद्रास्फीति 15.1 पर पहुंच गई है, जो नौ साल में सर्वाधिक है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में आतंकवाद की ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें शिक्षित युवा शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2001 में न्यूयॉर्क में स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुए आतंकवादी हमले को अंजाम देने वालों ने पायलट का प्रशिक्षण लिया था। पुणे स्थित डॉक्टर डी. वाई. पाटिल विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर है क्योंकि वही उसकी सबसे बड़ी ताकत, उत्प्रेरक और बदलाव का स्रोत हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘आपने दुनिया में (इसके) कई उदाहरण देखे होंगे। आपने दुनिया के सबसे विकसित देश, अमेरिका को भी देखा होगा। कठिन पायलट प्रशिक्षण लेने वाले कई युवाओं ने विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकरा दिया और यह 9/11 का हादसा बन गया। भारत में एक नहीं बल्कि कई घटनाएं हैं जहां शिक्षित युवा आतंकवादी घटनाओं में लिप्त रहे हैं।’’ राजनाथ सिंह ने प्रख्यात स्तंभकार थॉमस फ्रीडमैन द्वारा लिखे लेख का भी जिक्र किया जिसमें आतंकवादी संगठन अल-कायदा और भारत की सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस की तुलना की गई है। रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों के लिए शिक्षित युवा काम कर रहे हैं और वे मिशन और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अल-कायदा से जुड़े युवा जहां हत्या/हिंसा में जुटे हुए हैं वहीं इंफोसिस में काम करने वाले युवा मानवता की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।
सिंह ने कहा, “बहुत पढ़ने-लिखने के बाद भी, अमेरिका में एक प्रशिक्षित पायलट होने के बावजूद कोई खालिद शेख या मोहम्मद अता (9/11 हमलों के लिए जिम्मेदार) बन सकता है, अरबपति होने के बावजूद कोई ओसामा बिन लादेन बन सकता है। लेकिन एक अखबार बेचने वाला तमाम संघर्षों के बावजूद, एपीजे अब्दुल कलाम (भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति) बन सकता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि प्रत्येक समाज और राष्ट्र की अपनी मूल प्रकृति होती है और केवल उसका विकास करके ही वह आगे बढ़ सकता है।
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