राज्य में सत्ता संघर्ष और शिवसेना के बंटवारे को लेकर आज (14 फरवरी) सुप्रीम कोर्ट में पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई हुई| कल (15 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी|आज की सुनवाई में शिवसेना (ठाकरे गुट) के वकील कपिल सिब्बल ने जोरदार दलील दी| साथ ही, नबाम रेबीज मामले पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की गई है।
कोर्ट में बहस करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि नबाम राबिया मामले की समीक्षा की जरूरत है। नबाम रेबिया मामले में, राष्ट्रपति महाभियोग का नोटिस देने के बाद अयोग्यता पर फैसला नहीं कर सकते। राष्ट्रपति को हटाने का प्रस्ताव विधानसभा सत्र के दौरान ही पेश किया जा सकता है। कपिल सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक शिष्टता बनाए रखने के लिए 10वीं अनुसूची दी गई है, लेकिन इसमें संदेह है कि क्या 10वीं अनुसूची का दुरुपयोग हुआ है।
इस बीच पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ के समक्ष आज हुई सुनवाई में शिवसेना (ठाकरे गुट) के वकील कपिल सिब्बल, वकील अभिषेक मनु सिंघवी और वकील देवदत्त कामत ने दलीलें पेश कीं| लिहाजा बुधवार को होने वाली सुनवाई में शिंदे समूह के वकील हरीश साल्वे दलीलें रखेंगे| शिंदे गुट द्वारा नबाम राबिया मामले का लगातार हवाला दिया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने मीडिया से कहा कि, ”विधायकों की अयोग्यता और अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई.” विधायक पार्टी छोड़कर गुवाहाटी चले गए। पार्टी द्वारा बुलाई गई बैठकों से अनुपस्थित; इसका मतलब है कि आपने खुद ही पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है|
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