मुंबई। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान में पेंगुइन के रखरखाव के लिए 15.26 करोड़ रुपये का टेंडर जारी करने का बचाव करते हुए दावा किया कि पक्षियों ने महानगरपालिका संचालित चिड़ियाघर का राजस्व बढ़ाने में मदद की है। इस उद्यान को लोग भायखला चिड़ियाघर के नाम से भी जानते हैं।
महानगरपालिका ने कहा कि पेंगुइन के आगमन के बाद चिड़ियाघर की आय अप्रैल 2017 से मार्च 2020 के बीच में बढ़कर 14.36 करोड़ रुपये हो गई जो कि अप्रैल 2014 और मार्च 2017 के बीच 2.10 करोड़ रुपये ही थी। बीएमसी ने चिड़ियाघर में सात पेंगुइन की देखरेख तीन वर्ष तक करने के लिए 15.26 करोड़ रुपये की निविदा जारी की थी यानी हर वर्ष पेंगुइन पर करीब पांच करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इस निविदा को लेकर कांग्रेस द्वारा शिवसेना की आलोचना किए जाने के बाद इस पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।
महानगरपालिका ने दावा किया कि निविदा की कुल कीमत 11.46 करोड़ रुपये थी जबकि पेंगुइन के आने के बाद चिड़ियाघर की आय 12.26 करोड़ रुपये तक बढ़ गई। महानगरपालिका ने कहा कि वह पेंगुइन के बाड़े के रखरखाव के खर्चे को भी कम करने की कोशिश कर रहा है। आठ पेंगुइन को दक्षिण कोरिया से 2016 में भायखला चिड़ियाघर लाया गया था, जिनमें एक पक्षी की बाद में मौत हो गई।