मुंबई। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में खुलासा किया है कि पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा में पैसे लेकर ठाणे कारोबारी मनसुख हिरेन हत्या अंजाम दिलवाये। चार्जशीट में कहा गया है कि प्रदीप को सचिन वाजे ने इस काम के लिए मोटी रकम दी थी। इसके बाद प्रदीप शर्मा ने संतोष शेलार को इस काम के लिए राजी किया। इन्होंने साजिश को अंजाम देने के लिए कोट वर्ड का प्रयोग किया। इस साजिश में शामिल लोगों के नाम ए-10, ए-6 आदि रखे गए थे।
बता दें कि 4 मार्च को हिरेन मनसुख की हत्या की गई थी और 2 मार्च को इन सब ने एक मीटिंग की थी। चार्जशीट से पता चला है कि 2 मार्च को वाझे ने एक मीटिंग की थी, जिसमें एक अन्य पुलिसकर्मी सुनील माने और प्रदीप शर्मा, दोनों मौजूद थे। एनआईए के मुताबिक वाझे न यह मीटिंग इसलिए बुलाई ताकि दोनों को यह पता चल सके कि हिरेन कैसा दिखता है और प्लान में कोई दिक्कत पैदा न हो।
जानें क्या है ए-10, ए-6: चार्जशीट में कहा गया है, “यह काम प्रदीप शर्मा (ए-10) को सौंपा गया था।” साजिश के तहत आरोपी प्रदीप शर्मा (ए-10) ने आरोपी संतोष शेलार (ए-6) से संपर्क किया और पूछा कि क्या वह पैसे के बदले मर्डर कर सकता है, आरोपी संतोष शेलार (ए -6) ने काम स्वीकार कर लिया।” वाझे और माने दोनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रदीप शर्मा ने 2019 में शिवसेना के उम्मीदवार के रूप में राज्य का चुनाव लड़ने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था (वे हार गए थे)। अब तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
ऐसे दिया घटना को अंजाम: चार्जशीट में बताया गया है कि 3 मार्च को वाझे ने शर्मा से एक बार फिर मुलाकात की और पैसे भरा बैग उसे सौंप दिया जिसमें 500-500 के नोट थे। पैसे लेने के बाद प्रदीप शर्मा ने शेलार को फोन किया और लाल टवेरा का इंतजाम करने को कहा। इस गाड़ी का इस्तेमाल शर्मा हिरेन को मारने और उसकी लाश को ठिाकने लगाने के लिए करना चाहता था। चार्जशीट में आगे बताया गया कि जैसा वाझे और माने ने प्लान किया था, 4 मार्च की शाम को माने ने क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गॉट से ली सिम का इस्तेमाल करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर, मलाड के एक पुलिस अधिकारी होने का नाटक करते हुए, हिरन को फोन किया।
इसके बाद हिरेन उनसे मिलने के लिए तैयार हो गया। माने ने हिरण को उठाया और उसे शेलार को सौंप दिया, जो तीन अन्य मनीष सोनी, सतीश मोथुकारी और आनंद जाधव के साथ टवेरा में उनका इंतजार कर रहा था। इन लोगों ने गाड़ी में ही हिरेन की हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया। चार्जशीट में कहा गया है कि संतोष शेलार तीन लोगों (मनीष सोनी, सतीश मोथुकरी और नंद जाधव)ने तवेरा गाड़ी में ही इन सभी ने मिलकर हिरेन की हत्या कर दी और शव को मुंब्रा की खाड़ी में लाकर फेंक दिया। सभी आरोपियों को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया है।