बीएमसी में एक और घोटाला, ई-बसों की खरीद में करोड़ों का घपला

बीएमसी में एक और घोटाला, ई-बसों की खरीद में करोड़ों का घपला

मुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी में एक और घोटाले का खुलासा हुआ है। बेस्ट के 900 ई-बसों के 3,600 करोड़ रुपये के ठेके में घोटाला हुआ है। भाजपा विधायक मिहिर कोटेचा ने यह खुलासा किया है। विधायक कोटेचा ने शुक्रवार को कहा कि मैं पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं, क्या मुंबईवासियों के लिए बिजली की गति से 900 बसें खरीदना एक चाल है या कैस मोबिलिटी के लाभ के लिए? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुंबईवासियों को स्वच्छ हवा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु अभियान के तहत 3,600 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं, लेकिन एक विशेष ठेकेदार के लाभ के लिए इसे बर्बाद किया जा रहा है।

200 बसों के लिए टेंडर जारी की जाती है और फिर इसे बढ़ाकर 400 कर दिया जाता है और यह बिना किसी पुन: निविदा के अनुमोदन तक 900 हो जाती है। कोटेचा ने सवाल किया कि क्या आपने वास्तव में कभी सड़क पर उतर कर देखा है कि क्या मुंबई की सड़कों पर 900 डबल डेकर बसें चल सकती हैं?  क्या आपने कभी इसको लेकर फिजिबिलिटी रिपोर्ट प्राप्त की है?आख़िरकार, क्या यह केवल कागज़ पर खरीदारी करने की बात नहीं है?

भाजपा विधायक ने कहा कि इस कंपनी की शेयर पूंजी सिर्फ एक लाख रुपये है, किस आधार पर और किस मकसद से आप उन्हें 2800 करोड़ रुपये का ठेका दे रहे हैं?  हम मुंबईकरों के साथ इस मामले को उठाएंगे और 2800 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में सीएजी और अदालतों भी जाएंगे। हम मुंबईकर इस घोटाले से ताजी हवा में सांस लेने के अधिकार से वंचित नहीं होंगे।

उन्होंने बताया कि दिसंबर में बेस्ट द्वारा 200 डबल डेकर वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों की लीज के लिए टेंडर जारी किया गया था।  हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने कुल 3,600 करोड़ रुपये के अनुबंध में से 900 बसों के लिए 2,800 करोड़ रुपये देने की साजिश रची है, जिसमें से एक विशेष कंपनी कॉसिस ई-मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 700 बसों के लिए फिर से निविदा नहीं दी है।

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