देश में कोरोना की पहली लहर के बाद देश में लाखों प्रवासियों पर संकट उत्पन्न हुआ था। लॉकडाउन से उबरने के बाद महानगरों में पैर जमा रहे प्रवासियों का पलायन शुरू हो गया है। हालांकि, इस बार रेल मंत्रालय चौकन्ना है। यही कारण है कि ट्रेंनों को रोकने के बजाए रेल मंत्रालय ने कई नई ट्रेनों का संचालन शुरू किया है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए कई पैंसेंजर ट्रेनों को भी चलाया गया है। उधर, इस बार राज्यों ने भी प्रवासियों के जरिए प्रदेश में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त तैयारी कर रखी है।
महाराष्ट्र में कोरोना के सर्वाधिक केस को देखते हुए एक बार फिर प्रवासियों को सबसे बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। खासकर मुंबई में वीकेंड लॉकडाउन की घोषणा के बाद कई होटलों व फैक्ट्रियों में ताले लटक गए हैं। इसके चलते प्रवासी तेजी से घर वापसी कर रहे हैं। हालांकि, ट्रेन में टिकट कन्फर्म नहीं हो पाने के कारण लोग बड़ी संख्या में सड़के के रास्ते ही घर से निकल पड़े हैं। प्रवासी संपूर्ण लॉकडाउन के अनुभव से डरे हुए हैं। संपूर्ण लॉकडाउन की आशंका के चलते बड़ी तादाद में प्रवासी जल्द से जल्द अपने घरों को पहुंचना चाह रहे हैं। हालांकि, यूपी में आ रहे प्रवासी पंचायत चुनाव, खेतों की कटाई का बहाना कर रहे हैं , लेकिन हकीकत यह है कि बड़ी संख्या में लोग संक्रमण और लॉकडाउन से भयभीत हैं।
प्रवासियों के लिए बिहार ने जारी किया गाइडलाइंस
महाराष्ट्र में भारी तादाद में आ रहे प्रवासियों को देखते हुए बिहार सरकार ने उनके लिए गाइडलाइंस जारी कर दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रखंडो में भी क्वारंटीन सेंटर तैयार करने को कहा है।
महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके चलते कई प्रदेशों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि उन राज्यों से बिहार के लोग वापस अपने राज्य लौटेंगे।
बिहार सरकार ने अपनी गाइडलाइंस में कहा है कि महाराष्ट्र से आने वाली हर ट्रेन में पटना और आसपास के स्टेशनों पर उतरने वाले यात्रियों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। प्रवासियों की जांच के लिए पटना के चार रेलवे स्टेशनों पर कोरोना जांच के लिए व्यवस्था की गई है। पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल, पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन और दानापुर रेलवे स्टेशन पर जांच की पूरी व्यवस्था की गई है।
राज्य सरकार ने कहा है कि महाराष्ट्र से आने वाली प्रत्येक ट्रेन से उतरने वाले व्यक्ति की कोरोना जांच कराई जाएगी। रेलवे स्टेशन पर जांच के दौरान जिन मरीजों में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि होगी, उसे जिला स्तर पर बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कराया जाएगा।
संदिग्ध मरीजों के लिए व्यवस्था की गई है। ऐसे संदिग्ध लोगों को अनुमंडल स्तर पर बनाए गए आइसोलेशन सेंटर भेजा जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने महाराष्ट्र से आने वाली ट्रेनों में सवार लोगों की जांच के लिए 75 मेडिकल टीमें गठित की हैं।