बॉलीवुड अदाकारा और प्रसिद्ध उद्योगपति राज कुंद्रा की पत्नी शिल्पा शेट्टी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि आयकर विभाग ने उनके मुंबई स्थित आवास और बेंगलुरु में उनके सह-स्वामित्व वाले लग्ज़री रेस्टोरेंट ‘बेस्टियन’ पर छापेमारी की। बताया गया कि यह कार्रवाई रेस्टोरेंट से जुड़े वित्तीय लेन-देन और कथित टैक्स अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई। जिस पर शिल्पा शेट्टी कुंद्रा ने बयान जारी कर दावों को पूरी तरह ख़ारिज किया है।
सूत्रों के मुताबिक, विभाग की टीमों ने आय, निवेश और अन्य वित्तीय दस्तावेज़ों की गहन पड़ताल की। कुछ रिपोर्ट्स में इस कार्रवाई को शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा से जुड़े एक पुराने, करीब 60 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी मामले से भी जोड़कर देखा गया।
इन दावों के सामने आने के बाद शिल्पा शेट्टी ने आधिकारिक बयान जारी कर अपना पक्ष रखा और मीडिया में चल रही खबरों को सिरे से खारिज किया। अभिनेत्री ने कहा कि इस पूरे मामले में उनका नाम जोड़ने की कोशिश निराधार है और इससे उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस कंपनी का नाम इन रिपोर्ट्स में सामने आ रहा है, उससे उनका जुड़ाव केवल गैर-कार्यकारी स्तर पर था। उनके अनुसार, कंपनी के संचालन, वित्तीय प्रबंधन या निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं रही।
शिल्पा शेट्टी ने यह भी कहा कि वे केवल एक होम शॉपिंग चैनल के कुछ उत्पादों को पेशेवर रूप से एंडोर्स करती थीं, जिनके भुगतान अब तक लंबित हैं। उनके मुताबिक, परिवार की ओर से कंपनी को लगभग 20 करोड़ रुपये का कर्जा दिया गया था, जो अभी तक वापस नहीं किया गया है। अभिनेत्री ने नौ साल पुरानी जांच के संदर्भ में अचानक उनका नाम सामने लाए जाने को अनुचित और कानूनी रूप से अस्वीकार्य बताया।
अपने बयान में शिल्पा शेट्टी ने कहा कि इस तरह की अफवाहें न केवल तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करती हैं, बल्कि सार्वजनिक रूप से एक महिला की गरिमा और प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाती हैं। उन्होंने भगवद गीता का हवाला देते हुए कहा, “जब अन्याय का विरोध करना आपका कर्तव्य हो, और आप ऐसा करने में असफल रहते हैं, तो यह अपने आप में अधर्म है।” अभिनेत्री ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में क्वैशिंग पिटिशन दाखिल की है, जो फिलहाल विचाराधीन है।
शिल्पा शेट्टी ने न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा जताया और मीडिया से अपील की कि तथ्यों की सत्यता की जांच करने के बाद ही जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग की जाए। फिलहाल आयकर विभाग की ओर से इस कथित कार्रवाई को लेकर कोई विस्तृत आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जांच जारी है और आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
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