महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद सत्ता दल के नेता इसे सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग बता रहे हैं। मलिक की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को महाविकास अघाड़ी की सरकार के नेताओं ने आंदोलन किया। लेकिन, तीन पार्टियों की यह सरकार अलग-थलग दिखी। इस आंदोलन में कांग्रेस और एनसीपी के ही बड़े नेता दिखाई दिए, जबकि शिवसेना के नेता नदारत रहे।
हालांकि, शिवसेना ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि कुछ नेता उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचार में जुटे हुए हैं और कुछ सिंधुदुर्ग में कोंकण जिले के भरदी देवी की यात्रा पर गए हुए हैं। बता दें कि, आदित्य ठाकरे, संजय राउत सहित कई शिवसेना के नेता उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का प्रचार कर रहे हैं।आदित्य ठाकरे, डोंगरिया और कोरांव की सीटों पर गुरुवार को प्रचार करने पहुंचे थे। उनके साथ संजय राउत सहित अन्य भी हैं।
गुरुवार को हुए आंदोलन में छगन भुजबल, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, जयंत पाटिल, बाला साहेब थोराट,असलम शेख, सुप्रिया सुले सहित कई नेता शामिल हुए। हालांकि, इस आंदोलन में शिवसेना का कोई मंत्री शामिल नहीं हुआ,लेकिन बाद सुभाष देसाई देर से शामिल हुए। एकजुटता दिखाई। वहीं, आंदोलन में शिवसेना के शामिल नहीं होने पर जब सवाल उठाये गए तो शिवसेना प्रवक्ता ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि पार्टी के कुछ नेता राज्य से बाहर गए हुए हैं तथा कुछ कोंकण में भरदी देवी की यात्रा पर हैं।
शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंडे ने कहा कि आंदोलन में नहीं शामिल होने के आरोप बेबुनियाद हैं। महाविकास अघाड़ी सरकार सरकारी एजेंसियों के दुरूपयोग का विरोध एकजुट होकर कर रही है। हालांकि कुछ नेता राज्य से बाहर उत्तर प्रदेश के चुनाव में व्यस्त हैं, वहीं कुछ सिंधुदुर्ग गए हुए हैं।
ये भी पढ़ें
मोहित कंबोज की ‘नकली तलवार’ से डरी उद्धव सरकार, दर्ज हुई FIR
पीएम के सहयोग से मुंबई को बनाएंगे अंतर्राष्ट्रीय शहर: राजहंस सिंह