पद्म विभूषण सम्मानित बाबासाहेब पुरंदरे का निधन, PM मोदी ने जताया शोक 

पद्म विभूषण सम्मानित बाबासाहेब पुरंदरे का निधन, PM मोदी ने जताया शोक 

जाने-माने इतिहासकार,लेखक और थियेटर कलाकार बाबासाहेब पुरंदरे का 99 वर्ष की आयु में सोमवार को निधन हो गया। बाबासाहेब पुरंदरे शिवाजी महाराज के ऊपर कई पुस्तकें लिख चुके हैं। उनके जीवन पर आधारित नाटक भी पेश कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि बाबासाहेब पुरंदरे को शनिवार को तबीयत खराब होने पर पुणे के दीनानाथ मंगेशकर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहाँ उनकी हालत बिगड़ती गई, इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका।  उनके निधन पर पीएम मोदी ने गहरा शोक जताया है। वही, महाराष्ट्र सरकार ने बाबासाहेब पुरंदरे के लिए राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की घोषणा की है।

बाबासाहेब पुरंदरे देश के लोकप्रिय इतिहासकार-लेखक रहने के साथ थिएटर कलाकार भी रह चुके थे। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपने विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। बाबा पुरंदरे ने शिवाजी के जीवन से लेकर उनके प्रशासन और उनके काल के किलों पर भी कई किताबें लिखीं। इसके अलावा उन्होंने छत्रपति के जीवन और नेतृत्व शैली पर एक लोकप्रिय नाटक- जानता राजा का भी निर्देशन किया था। बाबा पुरंदरे के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “दर्द को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। बाबासाहेब का जाना इतिहास और संस्कृति की दुनिया में बड़ा शून्य छोड़ गया है। उनका धन्यवाद है कि आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी रहेंगी।” पीएम ने आगे कहा, “बाबासाहेब का काम प्रेरणा देने वाला था। मैं जब पुणे दौरे पर गया था तो उनका नाटक जनता राजा देखा, जो कि छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित था। बाबासाहेब जब अहमदाबाद आते थे, तो भी मैं उनके कार्यक्रमों में हिस्सा लेने जाता था।”

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उधर गृह मंत्री अमित शाह ने बाबासाहेब के साथ अपनी फोटो शेयर कर कहा, “कुछ वर्ष पूर्व बाबासाहेब पुरंदरे जी से भेंट कर एक लम्बी चर्चा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उनकी ऊर्जा और विचार सचमुच प्रेरणीय थे। उनका निधन एक युग का अंत है। उनके परिजनों व असंख्य प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ। प्रभु उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति।”

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बाबासाहेब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई 1922 को हुआ था। उनका मूल नाम बलवंत मोरोपंत पुरंदरे था। उन्हें बाबासाहेब भी कहा जाता था। बाबासाहेब ने देश-विदेश में शिव चरित्र पर 12,000 से अधिक व्याख्यान दिए हैं। उन्होंने लगभग सात दशकों तक इतिहास शोध पर काम किया। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें 2015 में राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार महाराष्ट्र भूषण से सम्मानित किया था। इतिहास शोध में उनके काम के लिए उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बाबासाहेब पुरंदरे ने ऐतिहासिक विषयों पर वर्णनात्मक लेखन किया। इसके अलावा, उन्होंने बेहतरीन उपन्यास और नाटक भी लिखे। ऐतिहासिक रूप से प्रशंसित नाटक ‘जनता राजा’ का निर्देशन किया।
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