मुंबई। महिला यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए एक सहभागी योजना के रूप में स्मार्ट सहेली योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत, उनकी शिकायतों पर तत्काल ध्यान देने और आपात स्थिति से निपटने के लिए 85 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इन व्हाट्सएप ग्रुपों में आरपीएफ मेंटर (महिला आरपीएफ स्टाफ) महिला यात्रियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। महिला यात्रियों की बेहतर सुरक्षा और संरक्षा और उनकी शिकायतों के निवारण, यात्रियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सेक्टर सहेली, स्टेशन सहेली और ट्रेन सहेली समूहों को नियमित रूप से प्रोत्साहित किया गया है। सीएसएमटी और एलटीटी स्टेशनों पर लेडी आरपीएफ स्टाफ (एक महिला सब इंस्पेक्टर और 2 या 3 महिला कांस्टेबल) की दो टीमें बनाई गई हैं, जो लंबी दूरी की ट्रेनों में ड्यूटी करती हैं यानी 02809 (मुंबई-हावड़ा स्पेशल वाया नागपुर), 02189 (मुंबई-नागपुर स्पेशल) ) और 06345 (एलटीटी-एर्नाकुलम स्पेशल), 01071 (एलटीटी-वाराणसी स्पेशल) क्रमशः ये टीमें ट्रेन के प्रस्थान से पहले महिला डिब्बों सहित सभी यात्री डिब्बों में प्रवेश करती हैं और यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की पहचान करती हैं और यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सभी सावधानियों के बारे में जानकारी देती हैं और कोच में किसी भी समस्या का सामना करने या देखने पर 139 डायल करती हैं। इन यात्रियों को सुरक्षा नियंत्रण कक्षों के लैंडलाइन/मोबाइल नंबर भी प्रदान किए गए हैं।
ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा
प्लेटफॉर्म बंदोबस्त, सर्कुलेटिंग एरिया और मुंबई मंडल पर एक्सेस कंट्रोल के लिए महिला आरपीएफ कर्मियों की दो टीमों को स्टेशनों पर तैनात किया गया है। प्रत्येक टीम में एक महिला सब इंस्पेक्टर और 8 महिला कांस्टेबल शामिल हैं। रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जीआरपी/होमगार्ड कर्मियों द्वारा पूरी रात चलने वाली उपनगरीय ट्रेन सेवाओं का एस्कॉर्ट किया जाता है। यात्रियों (महिला यात्रियों सहित) के खिलाफ अपराध की रोकथाम और उनके संबंधित और सुरक्षा के लिए प्रत्येक ट्रेन में आरपीएफ के दो सशस्त्र कर्मियों द्वारा मुंबई मंडल में प्रतिदिन लगभग 110 उपनगरीय सेवाओं को एस्कॉर्ट किया जा रहा है। मध्य रेलवे के प्रवक्ता ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाता है कि स्टेशन पर तैनात महिला आरपीएफ कर्मी महिला यात्रियों की बेहतर संरक्षा और सुरक्षा के लिए स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों के महिला डिब्बों में उपस्थित हों और उनकी शिकायत के लिए तत्काल कार्यवाई करें। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति या पुरुष महिला कोच में प्रवेश न करे। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ मुंबई मंडल में नियमित अभियान चलाया जाता है। 2021 में (31 मई तक) महिला डिब्बों में यात्रा करने वाले पुरुष यात्रियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत कुल 191 मामले दर्ज किए गए और उनसे 43,700 / – रुपये जुर्माना के रूप में वसूल किये गये।
वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) की स्थापना
मुंबई मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों के संवेदनशील स्थानों पर कुल 3140 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सीसीटीवी स्थानों में उपनगरीय ट्रेनों के सभी महिला डिब्बों और स्टेशनों पर मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों की सुरक्षा के लिए कवर किया गया है। महिला सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 10 उपनगरीय रेकों के महिला डिब्बों में 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सभी रेकों के महिला डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। एफआरएस ऐप – एफआरएस (फेस रिकग्निशन कैमरा) ऐप जीआरपी द्वारा विकसित किया जा रहा है जो चेहरे की पहचान से अपराधियों और उनके पिछले रिकॉर्ड का पता लगा सकता है। महिला सुरक्षा सहित यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा एवं अन्य सुरक्षा उपायों के लिए जीआरपी के साथ उच्च स्तरीय समन्वय सुनिश्चित किया जा रहा है। इसे पोस्ट लेवल पर भी सुनिश्चित किया जा रहा है। रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 व जीआरपी रेलवे हेल्पलाइन नंबर 1512 चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है।