अपनी मांगों को लेकर एसटी कर्मचारी 15 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। तमाम उठा पटक के बाद परिवहन मंत्री अनिल परब ने बुधवार को एसटी कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि की घोषणा की। परब ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा नियुक्त कमेटी विलय पर फैसला नहीं ले लेती, तब तक कर्मचारियों के वेतन में 41 प्रतिशत की बढ़ोतरी किये जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इस फैसले के बाद भी एसटी कर्मचारी विलय पर अड़े हुए हैं। इस संबंध में कर्मचारी गुरुवार यानी आज अपना फैसला सुनाएंगे।
बुधवार को सह्याद्री गेस्ट हाउस में अनिल परब, एसटी पदाधिकारी, विधायक गोपीचंद पडलकर, सदाभाऊ खोत और एसटी कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। उसके बाद, परब ने मूल वेतन में वृद्धि की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों को 41% तक वेतन वृद्धि दी जाएगी। इसके अलावा सरकार ने समय पर वेतन और प्रोत्साहन भत्ते का भुगतान करने का भी वादा किया। इससे सरकार पर हर महीने 60 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। परब के अनुसार, राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के वेतन के लिए 2,700 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।
एसटी कर्मचारी संघ भी वेतन वृद्धि के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ये संगठन विलय के लिए प्रतिबद्ध हैं। ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा कि वे सरकार के फैसले पर चर्चा करेंगे और गुरुवार को हड़ताल पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि यदि निलंबित अधिकारी काम पर आता है तो निलंबन रद्द कर दिया जाएगा। अगर वह नहीं आए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कर्मचारियों से गुरुवार से काम पर जाने की अपील की।
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