मुंबई। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पिछले साल गिरफ्तार 84 साल के स्टैन स्वामी की सोमवार को मुंबई के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। अदालत क आदेश पर उन्हें तलोजा जेल से इलाज के लिए होली फैमली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच उन्होंने कई बार अपनी सेहत व उम्र का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी। मुंबई के एक निजी अस्पताल ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि भीमा-कोरोगांव के एल्गार परिषद मामले में 84 वर्षीय आरोपी स्टैन स्वामी की मौत हो गई है। स्वामी का महानगर के बांद्रा इलाके में स्थित होली फैमली अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे न्यायिक हिरासत में और जमानत पाने का इंतजार कर रहे थे। अस्पताल के निदेशक डाक्टर ईआन डिसूजा न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ को स्वामी के निधन के बारे में जानकारी दी गई। इस पर खंडपीठ ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि स्वामी की आत्म को शांति मिले।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्वामी को तलोजा जेल से 29 मई 2021 को मुंबई के एक निजी अस्पाताल में भर्ती किया गया था। स्वामी ने पिछली सुनवाई के दौरान सेहत ठीक न होने आधार पर कोर्ट से आग्रह किया था कि उन्हें निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया जाए। उस समय स्वामी कोविड से पीड़ित थे। खंडपीठ के सामने डाक्टर डिसूजा ने कहा कि रविवार की सुबह स्वामी को हार्टअटैक आया था। इसके बाद स्वामी को वेंटिलेटर पर रखा गया था। लेकिन स्वामी की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ है और सोमवार की दोपहर उनकी मौत हो गई। सुनवाई के दौरान स्वामी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिहीर देसाई ने तलोजा जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि स्वामी को समय पर जरुरी उपचार नहीं उपलब्ध कराया गया। आदिवासी इलाकों में काम करनेवाले स्वामी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 8 अक्टूबर 2020 को रांची से गिरफ्तार किया था। तब से वे जेल में थे। इस बीच उन्होंने कई बार जमानत के लिए आवेदन किया लेकिन कोर्ट ने स्वामी को जमानत नहीं दी।